Thursday 10 October 2019

NIELIT/DOEACC CCC Introduction to Computer and Input Devices in Hindi


NIELIT/DOEACC CCC in Hindi : 

Study Notes and Practice Sets for CCC Examination

CCC ( Courses of Computer Concepts)


Introduction to Computer and Input Devices in Hindi 



कम्प्यूटर एक परिचय
कम्प्यूटर:

·        कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जो डेटा लेता है और उस पर प्रक्रिया (processing) करके एक अर्थ पूर्ण परिणाम देता है।
·        कंप्यूटर को हिंदी भाषा में अभिकल यंत्र (programmable machine) कहते है, इसके अन्य नाम संगणक परिकलक हैं।
·        कम्प्यूटर दिए गये गणितीय (numeric) तथा तार्किक संक्रियाओं ( logical data ) को क्रम से स्वचालित रूप से करने में पुर्णतः सक्षम है।


कम्प्युटर का वर्गीकरण:

हार्डवेयर के आधार पर

प्रथम पीढ़ी (1942-55)
इस जनरेशन के कम्प्युटर डायोड वाल्व निर्वात ट्यूब का प्रयोग किया गया। इसे डायोड कहा गया। प्रथम इलेक्ट्रानिक कम्प्युटर(. एन. आई. . सी.) प्रथम पीढ़ी का कम्प्युटर है।

द्वितिय पीढ़ी (1955-64)
इस पीढ़ी के कम्प्यूटरों में मुख्य तार्किक उपकरण वैक्यूम ट्युब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया। मेमोरी के लिए मैग्नेटिक ड्रम के स्थान पर मैग्नेटिक कोर का प्रयोग हुआ।

तृतीय पीढ़ी(1964-75)
इस पीढ़ी के कम्प्युटरों में इलेक्ट्राॅनिक उपकरण के रूप में ट्रांजिस्टर के स्थान पर आई. सी. का उपयोग किया गया।एक आई. सी. में ट्रांजिस्टर, रेजिस्टर, कैपेसिटर तीनों ही समाहित हो गए, जिससे कम्प्युटर का आकार अत्यंत छोटा होता गया।

चतुर्थ पीढ़ी(1975-89)
इस पीढ़ी में लार्ज स्केल आई. सी. बनाना सम्भव हुआ।एक छोटे से चिप में लााखों ट्रांजिस्टर समा गये, आकार में कमी आयी।इस चिप को माइक्रोप्रोसेसर नाम दिया गया।

पांचवी पीढ़ी(1989 से अब तक)
ULSI(Ultar Large Scale Integration) के विकास से कम्प्युटर की कार्यक्षमता में और वृद्धि हुई। आॅप्टिकल डिस्क का विकास हुआ।

इस पिढ़ी के कम्प्युटर में स्वंय सोचने की क्षमता पैदा की जा रही है।

आकार तथा कार्यक्षमता के आधार पर वर्गीकरण
सुपर कम्प्युटर
·        कम्प्युटर जिनकी कार्य करने की क्षमता 500 मेगा फ्लाॅप्स से अधिक हो उसको सुपर कम्प्युटर कहते हैं।इनमें मल्टी प्रोसेसिंग तथा समानान्तर प्रोसेसिंग का उपयोग किया जाता है। इनमें 32 से 64 समान्तर परिपथों में कार्य कर रहे माइक्रो प्रोसेसर की सहायता से सूचनाओं पर एक साथ कार्य किया जाता है। वर्तमान में सुपर कम्प्यूटर में गीगा फ्लाॅस तथा टेरा फ्लाॅस तक की गति पायी जाती है।
·        इनका इस्तेेमाल उच्चस्तरीय सघन गणनात्मक कार्यो, आण्विक माॅडलिंग, भौतिक सिमुलेशन अनुकार, विश्वविद्यालय, सैन्य एजेंसियों और वैज्ञानिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं में किया जाता है।
·        प्रमुख सुपर कम्प्युटर - Deep Blue, param,cosmos
·        विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर क्रे.के. -1 एस है, जिसे अमेरिका के क्रे रिसर्च कम्पनी ने 1979 में तैयार किया था।

मेनफ्रेम कम्प्युटर
सुपर कम्प्युटर को छोड़कर विशाल आकार वाले सभी कम्प्युटर को मेनफ्रेम कम्प्युटर कहते हैं। ये सामान्यतः 32 से 64 विट माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग करते हैं। इस पर एक से अधिक लोग एक साथ कार्य कर सकते हैं। ये मुख्यतः बड़े संगठनों द्वारा, आम तौर पर अत्यधिक आंकड़ों जैसे जनगणना, बड़े - बड़े उद्योगों इस्तेमाल किये जाते हैं। उदाहरण - आई बी एम 360


मिनी कम्प्यूटर
यह एक औसत दर्जे का बहुउपयोक्ता कम्प्युटर है जो की मेनफ्रेम से कम शक्ति वाला और माइक्रो से अधिक क्षमता वाला होता है। यह कम्प्यूटर माइक्रो कम्प्यूटर से लगभग 5 से 50 गुना अधिक गति से कार्य कर सकता है।

माइक्रो कम्प्युटर
एक छोटा अंकीय संगणक, जिसका सी. पी. यू. माइक्रोप्रोसेसर डिजाइन पर आधारित है। यह एक समय में एक ही व्यक्ति द्वारा उपयोग करने के लिए होता है। उदाहरण - घरों में उपयोग किया जाने वाला कम्प्यूटर, पर्सनल कम्प्यूटर, लैप-टाॅप।


कार्य पद्धति के आधार पर वर्गीकरण
एनालाॅग कम्प्युटर
एनालाॅग शब्द का अर्थ है दो राशियों में अनुरूपता। एनालाॅग कम्प्युटर में किसी भौतिक राशि को इलेक्ट्राॅनिक परिपथों की सहायता से विद्युत संकेतों में परिवर्तित किया जाता है।अब इस प्रकार के कम्प्युटर प्रचलन से बाहर हो गए हैं।


अंकिय कम्प्युटर
अंकीय कम्प्युटर एक ऐसा विद्युतीय गणनात्मक उपकरण है, जो कि संख्यात्मक अथवा प्रतीकात्मक जानकारी को निर्दिष्ट गणनात्मक प्रक्रियाओं के अनुरूप बदलता है। उदाहरण - सभी आधूनिक कम्प्युटर जैसे पर्सनल कम्प्युटर, नोटबुक कम्प्युटर, पाॅकेट कम्प्युटर लैप-टाॅप।

संकर कम्प्युटर
हाइब्रिड(संकर) कम्प्युटर एक प्रकार का मध्यवर्ती उपकरण है। जो एक एनालाॅग को मानक अंको में परिवर्तीत करता है। इनमें अनुरूप तथा अंकिय दोनों प्रकार के संगणकों की विशेषताएं होती है। इनका इस्तेमाल चिकित्सा क्षेत्र में मुख्य रूप से होता है।







इनपुट डिवाइस

इनपुट डिवाइस
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह वह डिवाइस है जिनके द्वारा हम कम्प्यूटर को निर्देश देते हैं. इनसे संदेश लेकर कम्प्यूटर उन पर प्रोग्राम के अनुरूप काम करता है. जैसे माउस, स्कैनर, जाॅयस्टिक, लाइटपेन, टच स्क्रीन, ट्रैकबाल,कीबोर्ड, वेवकैम, माइक्रोफोन, किमबाॅल, टैगरीडर MICR,OMR,OCR,जॉय स्टिक आदि.

Keyboard
इसके दवारा हम alphabetical, numbers, symbols, special characters को computer में फ़ीड कर सकते हैं।

की-बोर्ड टाइपराटर जैसा उपकरण होता है जिसमें कम्प्यूटर में सूचनाए दर्ज करने के लिए बटन दिये गये होते हैं जिन्हें हम की (key) कहते है


टाइपराइटर कीज(alphabetical Key A to Z)- ये की बोर्ड का मुख् हिस्सा होता है, यह मुख्यत टाइपिंग सम्बन्धी कार्य को करने में काम आता है, इन्हीं की से हम किसी भी भाषा में टाइप कर सकते हैं, इसके लिये सिर्फ हमको कम्प्यूटर में फान् बदलना होगा।

फक्शन कीज(F1 to F12) - टाइपराइटर की के सबसे ऊपरी भाग में एक लाइन में एफ-1 से लेकर एफ-12 संख्या तक रहती है। किसी भी साफ्टवेयर पर काम करते समय इनका प्रयोग उसी साफ्टवेयर में दी गयी सूची के अनुसार अलग अलग तरीके से किया जाता हैा

कर्सर कंट्रोल कीज - इन कीज से कम्प्यूटर के क्रर्सर को नियंत्रित किया जाता है, इससे आप कर्सर को अप, डाउन, लेफ्ट, राइट आसानी से ले जाया जा सकता है, यह की बोर्ड पर ऐरो के निशान से प्रर्दशित रहती है।

← - इस की का प्रयोग कर्सर को एक अक्षर बांई ओर ले जाने के लिए किया जाता है।

Ctrl + ← - इस की का प्रयोग कर्सर को एक शब्द बांई ओर ले जाने के लिए किया जाताा है।

→ - इस की का प्रयोग कर्सर को एक अक्षर दांई ओर ले जाने के लिए किया जाता है।

Ctrl + → - इस की का प्रयोग कर्सर को एक शब्द दांई ओर ले जाने के लिए किया जाता है।

↑ - इस की का प्रयोग कर्सर को एक लाइन ऊपर ले जाने के लिए किया जाता है।

Ctrl + ↑ - इस की का प्रयोग कर्सर को एक पैराग्राफ ऊपर ले जाने के लिए किया जाता है।

↓ - इस की का प्रयोग कर्सर को एक लाइन निचे ले जाने के लिए किया जाता है।

Ctrl + ↓ - इस की का प्रयोग कर्सर को एक पैराग्राफ निचे ले जाने के लिए किया जाता है।

की-बोर्ड पर ऐरो कीज के ठीक ऊपर कुछ और कर्सर कन्ट्रोल कीज भी मौजूद रहती है। ये इस प्रकार है-

पेज अप कीज - इनका प्रयोग डाक्यूमेंट के पिछले पृष्ठ पर जाने के लिए किया जाता है।


पेज डाअन कीज - इनका प्रयोग अगले पृष्ठ पर जाने के लिए किया जाता है।

होम(Home) की - इसका प्रयोग कर्सर लाइन के शुरू में लाने के लिए होता है।

Ctrl + होम(Home) की - इस की का प्रयोग कर्सर को डोक्यूमेंट(Document) के शुरू में ले जाने के लिए किया जाता है।

एंड(End) की - यह की कर्सर को लाइन के अंत में ले जाती है।

Ctrl + एंड(End) की - इस की का प्रयोग कर्सर को डोक्यूमेंट के अंत में ले जाने के लिए किया जाता है।

न्यूमेरिक की पैड - की-बोर्ड की दार्इ ओर न्यूमेरिक की-पैड होता है जिसमें कैलुक्यूलेटर के समान कीज होती है। इनसे से कुछ कीज दो काम करती हैं। न्यूमेरिक कीज के दोनो कार्यो को आपस में बदलने के लिए नम लोक की का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए-संख्या 7 युक्त की, होम की के रूप में केवल तभी काम करती है। जब नम लोक की आफ होती है। जब नम लोक की आन होती है। तो 1,2,3,4,5,6,7,8,9,0 चिनिहत कीज, न्यूमेरिक कीज के रूप में काम करती है। इनमें से किसी को भी दबाने पर स्क्रीन पर एक संख्या दिखार्इ देता है।

कैप्स लाक की - सामान्यतया अक्षर लोअर केस मे ही टाइप होता है। यदि आप एक बार कैप्स लाक की को दबा दे तो टाइप किया जानेाला अक्षर अपर केसा में टाइप केस में टार्इप होता है। इसे वापस लोअर केस में टाइप करने के किए एक बार फिर कैप्स लोक दबा दें।

शिप्ट की - इसको दबाकर यदि आप कोर्इ अक्षर की दबाए तो वह अपर केस अक्षर में ही टाइप होगी। यदि कैप्स लाक आन की सिथति में हो तो यह कि्रया उलट जाएगी। जब एक की पर दो चिन्ह या कैरेक्टर बने हों तब शिप्ट की दबाने से ऊपरी चिन्ह स्क्रीन पर दिखार्इ देगा।

कंट्रोल एंव आल्ट कीज - कंट्रोल एंव आल्ट कीज का प्रयोग अकसर कोर्इ विशेष काम करने के लिए अन्य की के साथ संयुक्त् रूप में किया जाता है। जैसे- कंट्रोल और सी को एक आप डोस प्राम्प्ट पर लौट आते है। कंट्रोल आल्ट और डिलीट कीज को एक साथ क्रमवार दबाने से मशीन स्वयं ही दोबारा शुरू हो जाती है।


एंटररिटर्न(Enter) - एंटर की को रिर्टन की भी कहा जाता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से दो कार्यो के लिए किया जाता है। पहला यह पीसी को सूचना देता है कि आपने निर्देश देने का काम छोड दिया है। अत: वहा दिए गए निर्देशों को प्रोसेस या एक्जीक्यूट करें। दूसरा माइक्रोसाफ्ट वर्ड प्रोग्राम का प्रयोग करते समय एन्टर की दबाने पर नया पैराग्राफ या पंकित शुरू हो जाती है।कर्सर को अगली लाइन में ले जाने के लिए Shift+Enter का प्रयोग किया जाता हैं

टैब की - यह कर्सर को एक पूर्वनिर्धारित स्थान पर आगे ले जाती है। इसके द्वारा आप पैराग्राफ शुरू कर सकते है तथा कालम, टैक्स्ट या संख्याओं को एक सीध में लिख सकते है। कुछ साफ्टवेयरों में यह मेन्यू में एक विकल्प से दूसरे विकल्प पर जाने में मदद करती है।

डिलीट(Delete) की - कर्सर की दार्इ ओर लिखे कैरेक्टर या स्पेस को आप इसको दबाकर मिटा सकते है।

Ctrl + डिलीट(Delete) की - इस की का प्रयोग कर्सर के दाई ओर से शब्द मिटाने के लिए किया जाता है।

बैकस्पेस(Backspace) की - इसे दबाकर आप कर्सर के बार्इ और लिखे अक्षर को मिटा सकते है। ऐसा करने पर कर्सर अन्त में टाइप किए गए अक्षर को मिटाने हुए बार्इ ओर लौटता है।

Ctrl + बैकस्पेस(Backspace) की - इस की का प्रयोग कर्सर के बाई ओर से शब्द मिटाने के लिए किया जाता है।

Esc Key - इस की का प्रयोग माइक्रोसाफ्ट पावर प्वाइंट में शलाइड शो को बंद करने के लिए किया जाता है।

Insert Key - इस की का प्रयोग कर्सर की वर्तमान स्थिति से insertion शुरू करने के लिए किया जात है। यह एक टोगल की है।

Window Key - इस की का प्रयोग स्टार्ट बटन को लाॅन्च करने या प्रोग्राम की लिस्ट को देखने के लिए किया जाता है।

PrtScr Key - इस की का प्रयोग वर्तमान विन्डो की कोपी करने के लिए किया जाता है।

Mouse
माउस एक पोइंटिंग device है। इसके दवारा हम कर्सर को हेंडल करते है माउस को पोइंट एण्ड ड्रा डिवाइस भी कहते हैं।

Trackball
Trackball एक पोइंटिंग device है। इसे उप साइड डाउन माउस भी कहते हैं। यह उलटे माउस के समान दिखाई देता है।


Scanner
स्कैनर के दवारा हम image लिखे हुए data को computer में डाल सकते हैं यह डाटा को पिक्चर या इमेज के रूप में सेव करता है।


Joystick
जोय-स्टिक भी एक पोइंटिंग device है, और ये भी कर्सर कि पोजीशन को स्क्रीन पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाता है।


Punched card
इसके दवारा हम data को computer में transfer कर सकते है


Microphone or Mick
इसके दवारा हम sound को computer में डाल सकते हैं

वेब कैमरा
वेब कैमरा या वेबकैम एक वीडियो कैमरा होता है

बार कोड रिडर
यह लाइन के नीचे लिखे गये अक्षरों को पढ़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। बार कोड रिडर इनपुट को आउट पूट में कन्वर्ट करता है। बार कोड मशीन लेंग्वेज में बनते हैं। बार कोड की माप इसकी चौड़ाई के अनुसार होती है। इसकी लंबाई से इसके कोड का कोई संबंध नहीं होता।

OCR
यह एक इनपुट उपकरण है जो प्रकाशीय व्यवस्था द्वारा अक्षरों और चिन्हों को पहचान कर डाटा इनपूट करता है।


टच स्क्रीन
इसमें स्क्रीन को छुकर निर्देश दिया जाता है। और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करवाया जाता है। इसका प्रयोग बैंक के . टी. एम. में किया जाता है।

लाइट पेन
पेन के आकार का प्वांइटिंग डिवाइस जिसका प्रयोग स्क्रीन पर लिखने या चित्र बनाने में किया जाता है।


OMR
यह इनपुट डिवाइस है जो फाॅर्म पेपर पर रिक्त स्थानों या बाॅक्स पर लगे पेंसिल, पेन के चिन्ह को पढ़कर कम्प्युटर में डाटा प्रवेश कराती है। आज कर हो रही प्रतियागी परिक्षाओं के परिणाम इसी विधि से ज्ञात किये जाते है।


MICR(Magnetic Ink Character Recognition)
बैंक चैक पर लिखे गये विशेष प्रकार के कोड को पढ़ने के काम आता है। Micr कोड के पहले 3 अंक शहर को प्रदर्शित करते हैं।


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