Wednesday 14 August 2019

Class-12 Chapter-1 Psychology in Hindi Extra Questions मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएँ



Psychology in Hindi Ncert Solution Class 12

Extra Questions / Notes

मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएँ 

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Very Short Answer Type Questions

प्रश्न 1. व्यक्तिगत भिन्नताओं से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-व्यक्तिगत भिन्नताओं का तात्पर्य व्यक्तियों के अभिलक्षणों और व्यवहार के स्वरूपों के वैशिष्ट्य तथा उनमें भिन्नताओं से होता है।

प्रश्न 2. 'स्थितिवाद' क्या है ?
उत्तर-स्थितिवाद के अनुसार किसी व्यक्ति का व्यवहार उसकी परिस्थिति या वर्तमान दशाओं से प्रभावित होता है।

प्रश्न 3. स्थितिवादी परिप्रेक्ष्य मनुष्य के व्यवहार को किस प्रकार का मानता है ?
उत्तर-स्थितिवादी परिप्रेक्ष्य मनुष्य के व्यवहार को बाह्य तथा आंतरिक कारकों की अंत:क्रिया का परिणाम मानता है।

प्रश्न 4. मूल्यांकन शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-मूल्यांकन करने का अर्थ व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक गुणों का मापन करने से है।

प्रश्न 5. औपचारिक मूल्यांकन किस प्रकार किया जाता है ?
उत्तर-औपचारिक मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ, मानकीकृत तथा व्यवस्थित रूप में किया जाता है।

प्रश्न 6. अनौपचारिक मूल्यांकन किस प्रकार होता है ?
उत्तर-अनौपचारिक मूल्यांकन जिन व्यक्तियों का किया जाना है उनके बदल जाने से तथा मूल्यांकन करने वाले व्यक्तियों के बदल जाने से परिवर्तित होता रहता है जिससे प्राप्त परिणाम या मूल्यांकन की व्यक्तिनिष्ठ व्याख्या होने लगती है।

प्रश्न 7. 'बुद्धि' शब्द का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-'बुद्धि' शब्द का तात्पर्य किसी व्यक्ति की अपने परिवंश को समझने की क्षमता से, विवेकपूर्ण चिंतन करने से और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए उपलभ्य संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने से है।

प्रश्न 8. बौद्धिक विकास क्या है ?
उत्तर-बौद्धिक विकास आनुवंशिक कारकों (प्रकृति) तथा पर्यावरण दशाओं (पोषण) के मध्य एक जटिल अंत:क्रिया का परिणाम होता है।

प्रश्न 9. अभिक्षमता' शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-अभिक्षमता का अर्थ किसी व्यक्ति की कौशलों के अर्जन के लिए अंतर्निहित संभाव्यता से है।

प्रश्न 10. अभिक्षमता परीक्षणों का उपयोग कहाँ किया जाता है ?
उत्तर-अभिक्षमता परीक्षणों का उपयोग यह पूर्व कथन करने में किया जाता है कि व्यक्ति उपयुक्त पर्यावरण और प्रशिक्षण प्रदान करने पर कैसा निष्पादन कर सकेगा।

प्रश्न 11. 'अभिरुचि' शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-अभिरुचि का अर्थ किसी व्यक्ति द्वारा दूसरी क्रियाओं की अपेक्षा किसी एक अथवा एक से अधिक विशिष्ट क्रियाओं में स्वयं को अधिक व्यस्त रखने की वरीयता से है।

प्रश्न 12. मूल्यांकन शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-मूल्यांकन करने का अर्थ व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक गुणों का मापन करने से है।

प्रश्न 13. 'व्यक्तित्व' शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति की अपेक्षाकृत स्थायी प्रकार की उन विशेषताओं से है जो उसे अन्य व्यक्तियों से भिन्न बनाती हैं।

प्रश्न 14. 'मूल्य' शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-मूल्य आदर्श व्यवहारों के संबंध में व्यक्ति के स्थायी विश्वास होते हैं। व्यक्ति के मूल्य उसके जीवन में व्यवहारों के लिए एक मानक निर्धारित करते हैं और उन्हें निर्देशित करते हैं।

प्रश्न 15. मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन की विधियों को लिखिए।
 उत्तर-मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन की निम्नलिखित विधियाँ
(i) मनोवैज्ञानिक परीक्षण। (ii) साक्षात्कार। (ii) व्यक्ति अध्ययन। (iv) प्रेक्षण। () आत्म-प्रतिवेदन।

प्रश्न 16. मनोवैज्ञानिक परीक्षण क्या है ?
उत्तर-मनोवैज्ञानिक परीक्षण व्यक्ति की मानसिक तथा व्यवहारपरक विशेषताओं का वस्तुनिष्ठ तथा मानकीकृत मापक होता है।

प्रश्न 17. प्रेक्षण क्या है ?
उत्तर-प्रेक्षण में व्यक्ति की नैसर्गिक या स्वाभाविक दशा में घटित होने वाली तात्क्षणिक व्यवहारपरक घटनाओं का व्यवस्थित, संगठित तथा वस्तुनिष्ठ ढंग से अभिलेख तैयार किया जाता है।

प्रश्न 18. प्रेक्षण प्रणाली द्वारा अध्ययन करने वाली एक गोचर का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-कुछ गोचर, जैसे-'मातृ-शिशु अंत:क्रिया' का अध्ययन प्रेक्षण प्रणाली द्वारा सरलता से किया जा सकता है।

प्रश्न 19. प्रेक्षण प्रणाली की एक समस्या को लिखिए।
उत्तर-प्रेक्षण प्रणाली की एक बड़ी समस्या यह है कि इसमें स्थिति पर प्रेक्षक का बहुत कम नियंत्रण होता है और प्रेक्षण से प्राप्त विवरण की प्रेक्षक द्वारा व्यक्तिनिष्ठ व्याख्या की जा सकती

प्रश्न 20. आत्म-प्रतिवेदन क्या है ?
उत्तर-आत्म-प्रतिवेदन वह विधि है जिसमें व्यक्ति स्वयं अपने विश्वासों, मतों आदि के बारे में तथ्यात्मक सूचनाएँ प्रदान करता है।

प्रश्न 21. मनोमितिक उपागम क्या है ?
उत्तर-मनोमितिक उपागम में बुद्धि को अनेक प्रकार की योग्यताओं का एक समुच्चय माना जाता है। यह व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले निष्पादन को उसकी संज्ञानात्मक योग्यताओं के एक सूचकांक के रूप में व्यक्त करता है।

प्रश्न 22. सूचना प्रक्रमण उपागम क्या है ?
उत्तर-सूचना प्रक्रमण उपागम में बौद्धिक तर्कना तथा समस्या समाधान में व्यक्तियों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रियाओं का वर्णन किया जाता है।

प्रश्न 23. बुद्धि के एक-कारक सिद्धांत को किसने प्रतिपादित किया ?
उत्तर-बुद्धि के एक-कारक सिद्धांत को अल्फ्रेड बिने ने प्रतिपादित किया।

प्रश्न 24. बुद्धि का द्वि-कारक सिद्धांत किसने दिया ?
उत्तर-बुद्धि का द्वि-कारक सिद्धांत चार्ल्स स्पीयरमैन ने 1927 में दिया।

प्रश्न 25. बुद्धि का द्वि-कारक सिद्धांत किस पर आधारित था ?
उत्तर-बुद्धि का द्वि-कारक सिद्धांत विश्लेषण की सांख्यिकीय विधि पर आधारित था।

प्रश्न 26. सा-कारक क्या है ?
उत्तर-सा-कारक के अंतर्गत वे सभी मानसिक संक्रियाएँ होती हैं जो प्राथमिक हैं और जिनका प्रभाव सभी प्रकार के कार्यों के निष्पादन पर पड़ता है।

प्रश्न 27. बुद्धि का पदानुक्रमिक मॉडल क्या है ?
उत्तर-इस मॉडल के अनुसार योग्यताएँ दो स्तरों पर कार्य करती हैं। प्रथम स्तर साहचर्यात्मक अधिगम का होता है जिसमें आगत तथा निर्गत लगभग समान होते हैं।
द्वितीय स्तर संज्ञानात्मक सक्षमताओं का होता है जिसमें उच्च स्तरीय कौशल होते हैं जो आगत को एक प्रभावी निर्गत में परिवर्तित करते हैं।


प्रश्न 28. बुद्धि का पदानुक्रमिक मॉडल किसने प्रस्तुत किया ?
उत्तर-आर्थर जेन्सेन ने बुद्धि का एक पदानुक्रमिक मॉडल प्रस्तुत किया।

प्रश्न 29. बुद्धि संरचना मॉडल किसने प्रस्तुत किया ?
उत्तर-जे. पी. गिलफोर्ड ने बुद्धि संरचना मॉडल प्रस्तुत किया।

प्रश्न 30. बुद्धि संरचना मॉडल में बौद्धिक विशेषताओं को कितने विमाओं में वर्गीकृत किया गया है ?
उत्तर-तीन विमाओं में -
(i) संक्रियाएँ, (ii) विषय-वस्तु, (iii) उत्पाद।

प्रश्न 31. संक्रियाओं से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-संक्रियाओं से तात्पर्य बुद्धि द्वारा की जाने वाली क्रियाओं से है।

प्रश्न 32. संक्रियाओं में किस प्रकार की क्रियाएँ होती हैं ?
उत्तर-इसमें संज्ञान, स्मृति अभिलेखन, स्मृति प्रतिधारण, अपसारी उत्पादन, अभिसारी उत्पादन तथा मूल्यांकन की क्रियाएँ होती हैं।

प्रश्न 33. उत्पाद का क्या अर्थ है ?
उत्तर-उत्पाद का अर्थ उस स्वरूप से होता है जिसमें व्यक्ति सूचनाओं का प्रक्रमण करता है।

प्रश्न 34. बहु-बुद्धि का सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया ?
उत्तर-बहु-बुद्धि का सिद्धांत हावर्ड गार्डनर ने प्रस्तुत किया था।

प्रश्न 35. बहु-बुद्धि का सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर-इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि कोई एक तत्त्व नहीं है बल्कि कई भिन्न-भिन्न प्रकार की बुद्धियों का अस्तित्व होता है। प्रत्येक बुद्धि एक-दूसरे से स्वतंत्र रहकर कार्य करती है।

प्रश्न 36. भाषागत बुद्धि क्या है ?
उत्तर-भाषागत बुद्धि अपने विचारों को प्रकट करने तथा दूसरे व्यक्तियों के विचारों को समझने हेतु प्रवाह तथा नम्यता के साथ भाषा का उपयोग करने की क्षमता है।

प्रश्न 37. 'देशिक बुद्धि' किसे कहते हैं ?
उत्तर-देशिक बुद्धि मानसिक बिंबों को बनाने, उनका उपयोग करने तथा उनमें मानसिक धरातल पर परिमार्जन करने की योग्यता है।

प्रश्न 38. सांगीतिक योग्यता किसे कहते हैं ?
उत्तर-सांगीतिक अभिरचनाओं को उत्पन्न करने, उनका सर्जन तथा प्रहस्तन करने की क्षमता सांगीतिक योग्यता कहलाती है।

प्रश्न 39. शारीरिक-गतिसंवेदी योग्यता किसे कहते हैं ?
उत्तर-किसी वस्तु अथवा उत्पाद के निर्माण के लिए अथवा मात्र शारीरिक प्रदर्शन के लिए संपूर्ण शरीर अथवा उसके किसी एक अथवा एक से अधिक अंग की लोच तथा पेशीय कौशल की योग्यता शारीरिक-गतिसंवेदी योग्यता कही जाती है।

प्रश्न 40. शारीरिक-गतिसंवेदी योग्यता के उदाहरण लिखिए।
उत्तर-धावकों, नर्तकों, अभिनेताओं/अभिनेत्रियों, खिलाड़ियों, जिमनास्टों तथा शल्य चिकित्सकों में इस बुद्धि की अधिक मात्रा पाई जाती है।

प्रश्न 41. अंतर्वैयक्तिक बुद्धि क्या है ?
उत्तर-इस योग्यता द्वारा व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों की अभिप्रेरणाओं या उद्देश्यों, भावनाओं तथा व्यवहारों का सही बोध करते हुए उनके साथ मधुर संबंध स्थापित करता है।

प्रश्न 42. अंतर्वैयक्तिक बुद्धि पाये जाने वाले व्यक्ति कौन हो सकते हैं ?
उत्तर-मनोवैज्ञानिक, परामर्शद, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता तथा धार्मिक नेता आदि में उच्च अंतर्वैयक्तिक बुद्धि पाए जाने की संभावना होती है।

प्रश्न 43. अंत:व्यक्ति बुद्धि क्या है ?
उत्तर-इस योग्यता के अंतर्गत व्यक्ति को अपनी शक्ति तथा कमजोरियों का ज्ञान और उस ज्ञान का दूसरे व्यक्तियों के साथ सामाजिक अंतःक्रिया में उपयोग करने का ऐसा कौशल सम्मिलित है जिससे वह अन्य व्यक्तियों से प्रभावी संबंध स्थापित करता है।

प्रश्न 44. बुद्धि का त्रिचापीय सिद्धान्त किसने प्रस्तुत किया ?
उत्तर-राबर्ट स्टर्नबर्ग ने बुद्धि का त्रिचापीय सिद्धान्त प्रस्तुत किया।

प्रश्न 45. बुद्धि का त्रिचापीय सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर-बुद्धि के त्रिचापीय सिद्धान्त के अनुसार बुद्धि वह योग्यता है जिससे व्यक्ति अपने पर्यावरण के प्रति अनुकूलित होता है, अपने तथा अपने समाज और संस्कृति के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु पर्यावरण के कुछ पक्षों का चयन करता है और उन्हें परिवर्तित करता है।

प्रश्न 46. बुद्धि के त्रिचापीय सिद्धान्त के अनुसार बुद्धि कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि तीन प्रकार की होती
(i) घटकीय। (ii) आनुभविक। (ii) सांदर्भिक।

प्रश्न 47. घटकीय बुद्धि क्या है ?
उत्तर-घटकीय बुद्धि द्वारा व्यक्ति किसी समस्या का समाधान करने के लिए प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण करता है।

प्रश्न 48. घटकीय बुद्धि के तीन घटक कौन-कौन से
उत्तर-घटकीय बुद्धि के तीन घटक निम्नलिखित हैं-
(i) पहला घटक ज्ञानार्जन से संबंधित होता है जिसके द्वारा व्यक्ति अधिगम करता है तथा विभिन्न कार्यों को करने की विधि का ज्ञान प्राप्त करता है।
(ii) दूसरा घटक अधि या एक उच्च स्तरीय घटक होता है जिसके द्वारा व्यक्ति योजनाएँ बनाता है कि उसको क्या करना है और कैसे करना है।
(iii) तीसरा घटक निष्पादन से संबंधित होता है। इस बुद्धि द्वारा व्यक्ति किसी कार्य का वास्तव में निष्पादन करता है।

प्रश्न 49. सांदर्भिक बुद्धि क्या है ?
उत्तर-सांदर्भिक बुद्धि वह बुद्धि है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में आने वाली पर्यावरणी माँगों से निपटता है।

प्रश्न 50. 'पास' मॉडल को किसने विकसित किया ?
उत्तर-बुद्धि के 'पास' मॉडल को जे. पी. दास, जैक नागलोरी तथा किर्बी ने विकसित किया।

प्रश्न 51. 'पास' मॉडल के अनुसार तीन तंत्र कौन से हैं?
उत्तर-ये तीन तंत्र हैं-(i) भाव प्रबोधन, (ii) कूट संकेतन, (iii) योजना निर्माण।

प्रश्न 52. कुछ लोग दूसरों की तुलना में अधिक बुद्धिमान क्यों होते हैं ?
उत्तर-ऐसा उनकी आनुवंशिकता के कारण होता है अथवा वह पर्यावरणी कारकों के प्रभाव से होता है।

प्रश्न 53. मानसिक आयु के माप से आप क्या समझते
हैं?
उत्तर-मानसिक आयु के माप का अर्थ है कि किसी व्यक्ति का बौद्धिक विकास अपनी आयु वर्ग के अन्य व्यक्तियों की तुलना में कितना हुआ है।

प्रश्न 54. बुद्धि-लब्धि किस प्रकार प्राप्त की जाती है?
उत्तर-किसी व्यक्ति की मानसिक आयु को उसकी कालानुक्रमिक आयु से भाग देने के बाद उसको 100 से गुणा करने से उसकी बुद्धि-लब्धि प्राप्त हो जाती है।


प्रश्न 55. सामान्य बुद्धि और प्रतिभाशाली बुद्धि वाले व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक क्या होती है ?
उत्तर-जिन व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक 90 से 110 के बीच होती है उन्हें सामान्य बुद्धि वाला कहा जाता है।
जिन व्यक्तियों की बुद्धि-लब्धि प्राप्तांक 130 से अधिक होती है वे असाधारण रूप से प्रतिभाशाली समझे जाते हैं।

प्रश्न 56. मानसिक रूप से मंदित बच्चे कौन होते हैं ?
उत्तर-ऐसे बच्चों को जिनमें बौद्धिक न्यूनता होती है उन्हें मानसिक रूप से चुनौतीग्रस्त या 'मानसिक रूप से मंदित' कहा जाता है।

प्रश्न 57. मानसिक मंदन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ मेंटल डिफ्रिशन्सि (. . एम. डी.) के अनुसार मानसिक मंदन से तात्पर्य उस असामान्य साधारण बौद्धिक प्रकार्यात्मकता से है जो व्यक्ति की विकासात्मक अवस्थाओं में प्रकट होती है तथा उसके अनुकूलित व्यवहार में न्यूनता से संबंधित होती है।

प्रश्न 58. मानसिक मंदन के विभिन्न प्रकारों को लिखिए।
उत्तर-
(i)            निम्न मंदन-बुद्धि-लब्धि 55 से 69 के बीच।
(ii)          सामान्य मंदन-बुद्धि-लब्धि 40 से 54 के बीच।
(iii)         अति गंभीर मंदन-बुद्धि लब्धि 25 से कम।

प्रश्न 59. सामान्य मंदन वाले बच्चों की क्या विशेषताएँ होती हैं ?
उत्तर-सामान्य मंदन वाले बच्चे अपने साथ के लोगों से भाषा के उपयोग तथा अन्य पेशीय कौशलों को सीखने में पीछे रह जाते हैं। इन्हें अपनी दैनिक देखभाल करने और सरल प्रकार के सामाजिक तथा संप्रेषण कौशलों के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है परंतु अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने के लिए उन्हें सामान्य पर्यवेक्षण की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 60. 'प्रतिभा' शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-'प्रतिभा' शब्द का अर्थ उस असाधारण सामान्य प्रकार की योग्यता से है जो विस्तृत क्षेत्र के कार्यों में किए गए श्रेष्ठ निष्पादन में दिखाई पड़ती है।

प्रश्न 61. "प्रवीणता' का क्या अर्थ है ?
उत्तर- प्रवीणता' का अर्थ किसी विशिष्ट अथवा संकुचित क्षेत्र में श्रेष्ठ योग्यता से होता है। अधिक प्रवीण व्यक्तियों को कभी-कभी अद्भुत प्रतिभाशाली भी कहा जाता है।

प्रश्न 62. अध्यापकों के दृष्टिकोण से किसी व्यक्ति की प्रतिभाशालिता किस बात पर निर्भर करती है ?
उत्तर-अध्यापकों के दृष्टिकोण से किसी व्यक्ति की प्रतिभाशालिता उसकी उच्च योग्यता, उच्च सर्जनात्मकता तथा उच्च प्रतिबद्धता जैसे गुणों के संयोजन पर निर्भर करती है।

प्रश्न 63. वैयक्तिक परीक्षण के लिए किस प्रकार का माहौल होना चाहिए ?
उत्तर-वैयक्तिक परीक्षण में आवश्यक होता है कि परीक्षणकर्ता परीक्षार्थी से सौहार्द स्थापित करे और परीक्षण सत्र के समय उसकी भावनाओं, भावदशाओं और अभिव्यक्तियों के प्रति संवेदनशील रहे।

प्रश्न 64. अशाब्दिक परीक्षणों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-अशाब्दिक परीक्षणों का एक उदाहरण रैवेंस प्रोगेसिव मैट्रिसेस (आर. पी. एम.) है जिसमें परीक्षार्थी को एक अपूर्ण प्रतिरूप दिखाया जाता है और उसे दिए गए अनेक वैकल्पिक प्रतिरूपों में से उस विकल्प को चुनना होता है जिससे अपूर्ण प्रतिरूप पूरा हो सके।

प्रश्न 65. सी. आई. . शाब्दिक समूह बुद्धि परीक्षण को किसने विकसित किया ?
उत्तर-उदय शंकर ने।

प्रश्न 66. बुद्धि की एक विशेषता को लिखिए।
उत्तर-बुद्धि की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह पर्यावरण से अनुकूलित होने में व्यक्ति की सहायता करती

प्रश्न 67. 'संस्कृति' शब्द से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-संस्कृति रीति-रिवाजों, विश्वासों, अभिवृत्तियों तथा कला और साहित्य में उपलब्धियों की एक सामूहिक व्यवस्था को कहते हैं।

प्रश्न 68. सांवेगिक बुद्धि क्या है ?
उत्तर-सांवेगिक बुद्धि में अपनी तथा दूसरे की भावनाओं और संवेगों को जानने तथा नियंत्रित करने, स्वयं को अभिप्रेरित करने तथा अपने आवेगों को नियंत्रित रखने तथा अंतर्वैयक्तिक संबंधों को प्रभावी ढंग से प्रबंध करने की योग्यताएँ सम्मिलित होती

प्रश्न 69. 'अभिक्षमता' से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-अभिक्षमता का तात्पर्य किसी व्यक्ति की कुछ विशिष्ट कौशलों को अर्जित करने की संभाव्यता से होता है।

प्रश्न 70. अभिक्षमता परीक्षण क्या है ?
उत्तर-अभिक्षमता परीक्षण पूर्वकथन करते हैं कि कोई व्यक्ति उचित प्रशिक्षण और पर्यावरण दिए जाने के बाद क्या कर पाएगा।

प्रश्न 71. 'सर्जनात्मकता' से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-सर्जनात्मकता नूतन, उपयुक्त और उपयोगी विचारों, वस्तुओं या समस्या समाधानों को उत्पन्न करने की योग्यता है।

प्रश्न 72. अभिरुचि और अक्षमता में क्या अंतर है ?
उत्तर-अभिरुचि किसी विशेष कार्य को करने की वरीयता या तरजीह को कहते हैं जबकि अभिक्षमता उस कार्य को करने की संभाव्यता या विभवता को कहते हैं।

प्रश्न 73. तकनीकी बुद्धि वाले समाज की क्या विशेषता होती है ?
उत्तर-ऐसे समाज में व्यक्ति अवधान देने, प्रेक्षण करने, विश्लेषण करने, अच्छा निष्पादन करने, तेज काम करने तथा उपलब्धि की ओर उन्मुख करने आदि कौशलों में दक्ष होते हैं।

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