Friday 13 September 2019

Proverbs in Hindi मुहावरे Part-1



 Proverbs in Hindi 
मुहावरे 
Part-1
| मुहावरा|
ऐसा वाक्यांश, जो शाब्दिक अर्थ से भिन्न किसी विलक्षण अर्थ को व्यक्त करता है, मुहावरा कहलाता है। इसका स्वतन्त्र प्रयोग नहीं होता, वरन् यह वाक्य के बीच में प्रयुक्त होता है। मुहावरों का अर्थ लाक्षणिक रूप में प्रकट होने के कारण भाषा में चमत्कार, सरसता और प्रवाह उत्पन्न हो जाता है। मुहावरों का वाक्य में प्रयोग करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि मुहावरों का ही वाक्य में प्रयोग किया जाए, उनके अर्थ का नहीं। मुहावरों का वाक्य में प्रयोग इस तरह से होना चाहिए कि उस वाक्य को पढ़ते ही वाक्य में प्रयुक्त मुहावरे के अर्थ का बोध हो जाए। मुहावरों के प्रयोग से भाषा की व्यंजना-शक्ति का विकास होता है और भाषा सबल, सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है।

महत्त्वपूर्ण मुहावरे, उनके अर्थ एवं वाक्य में प्रयोग
1.अन्धे की लाठी (एकमात्र सहारा)-श्रवणकुमार अपने वृद्ध और अन्धे माता-पिता की अन्धे की लाठी था।
2. अन्धे के हाथ बटेर लगना (सौभाग्य से इच्छित फल की प्राप्ति होना)-इस वर्ष बिना परिश्रम किये तुम्हारी प्रथम श्रेणी गयी, लेकिन तुम्हें परिश्रम करना चाहिए; क्योंकि सदा इस प्रकार अन्धे के हाथ बटेर नहीं लगती।
3. अक्ल के पीछे लट्ठ लिये फिरना (मूर्खतापूर्ण कार्य करना)-तुम तो अक्ल के पीछे लट्ठ लिये फिरते हो, जो दूसरों के झगड़े में पड़कर अपना सिर फुड़वा आये।
4.अक्ल पर पत्थर पड़ना (बुद्धि भ्रष्ट होना)-मेरी ही अक्ल पर पत्थर पड़ गये थे, जो अत्यधिक परेशानी से मिली सरकारी नौकरी छोड़ बैठा।
5. अक्ल चरने जाना (बुद्धि से काम लेना)-बड़े भाई पर हाथ उठाते समय मेरी अक्ल चरने चली गयी थी।
6. अपना उल्लू सीधा करना (स्वार्थ सिद्ध करना)-आजकल के नेता लोग केवल वोट के लिए जनता की खुशामद करते हैं और अपना उल्लू सीधा करते हैं।
7. अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारना (अपनी हानि स्वयं करना)-पढ़ाई का समय व्यर्थ में गँवाकर तुमने अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारी है। इसके लिए तुम स्वयं जिम्मेदार हो, कोई दूसरा नहीं।
8. अपने मुँह मिया मिट्ट बनना (अपनी प्रशंसा स्वयं करना)-आजकल के नेता अपने मुँह मियाँ मिट्ठ बनने में गर्व का अनुभव करते हैं।
9. अपने पैरों पर खड़ा होना (स्वावलम्बी होना)-विकास के माता-पिता उसकी शादी करना चाहते थे, लेकिन उसने कहा कि जब तक वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं होगा, तब तक शादी नहीं करेगा।
10. अंगारों पर पैर रखना (कठिन कार्य करना)-कारगिल युद्ध में भारत के सैनिकों ने अंगारों पर पैर रखकर विपक्षी सेना को पीछे खदेड़ने में सफलता पायी।
11. अंगारे बरसना (अत्यधिक गर्मी पड़ना)-इस वर्ष तो अप्रैल माह में ही अंगारे बरसने लगे। बाद के महीनों में जाने क्या होगा।
12. अंगारों पर चलना (खतरा मोल लेना)-भारत की स्वतन्त्रता के लिए भारतमाता के अनेकानेक सपूतों ने अंगारों पर चलना सीखा।।
13. अँगूठा चूसना (नासमझी की बातें करना)-राहुल ने ललित से कहा कि अब तो तुम बाल-बच्चेदार आदमी हो गये हो। कम-से-कम अब तो अंगूठा चूसना बन्द कर दो।
14. अंगूठी का नगीना (सर्वोपयुक्त जोड़ा मिलना)-राम के लिए सीता और शिव के लिए पार्वती अंगूठी के नगीने के समान ही थीं।
15. अँगूठा दिखाना (स्पष्ट मना कर देना)-जब तक लिपिक ने उसका कार्य नहीं कर दिया था, तब तक वह उसे कुछ राशि देने का वायदा करता रहा। काम होते ही उसने लिपिक को अँगूठा दिखा दिया।
16. अपनी खिचड़ी अलग पकाना (अलग रहकर कार्य करना)-पिकनिक-स्थल पर पहुँचने के बाद सभी लोग भोजन बनाने में जुट गये, पर रोहन घूमने जाने लगा। सभी मित्रों ने उससे कहा कि अपनी खिचड़ी अलग पकाना अच्छी बात नहीं है।
17. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना (लज्जित होना)-राजेश की झूठी बात की वास्तविकता का जब सभी सहकर्मियों को पता चल गया तो राजेश अपना-सा मुँह लेकर रह गया।
18. अपना घर समझना (निःसंकोच होना)-कुछ मित्रों से हमारे सम्बन्ध इतने घनिष्ठ हैं कि हम उनके घरों को अपना घर ही समझते हैं।
19. आँख से गिरना (सम्मान का कम होना)-गलत संगति के कारण फरजाना अपने सास-ससुर की आँखों से गिर गयी है।
20. आँख दिखाना (धमकाना)-वह मुझसे ₹ 5000 उधार तो बड़ी नम्रता से माँगकर ले गया, अब वापस माँगने पर मुझे आँखें दिखाता है।
21. आँखों में धूल झोंकना (धोखा देना)-अनेक व्यापारी खाद्य-सामग्री में मिलावट करके ।। ग्राहकों की आँखों में धूल झोंक रहे हैं।
22. आँखों पर परदा पड़ना (वास्तविकता दिखाई देना)-भारत की आँखों पर तो ऐसा परदा पड़ गया है कि विश्वासघाती चीन को भी वह अपना मित्र समझ बैठा है।
23. आँखों के आगे अँधेरा छाना (सब तरफ सूना दिखाई पड़ना)-अपने पति की मृत्यु का समाचार सुनते ही उसकी आँखों के आगे अँधेरा छा गया।
24. आँखों का काँटा होना (बुरा लगना, खटकना)-जब से मैंने अपने अधिकारी की काली करतूतों का भण्डाफोड़ किया है, उसी दिन से मैं उसकी आँखों का काँटा हो गया हूँ।
25. आँखों का ताराहोना (अत्यन्त प्रिय होना)-राम अपनी माता कौशल्या की आँखों के तारे थे।
26. आँखें चार होना (निगाह मिलना, प्रेम होना)-बातों-ही-बातों में टोनी और किरण की आँखें चार हो गयीं।
27.आँखें नीची होना (शर्मिन्दा होना)-घोटाले में पकड़े गये मन्त्रियों की आँखें उसी समय नीची होती हैं, जब पत्रकारों द्वारा उनकी तस्वीरें उतारी जाती हैं। 
28. आँखें बिछाना (उत्सुकता से प्रतीक्षा करना)-मित्र के आने की प्रतीक्षा में मैं आँखें बिछाये अपने घर के द्वार पर खड़ा था।
29.आँखें फेरना (मुँह मोड़ना)-नीरज ने अपने मित्र को मुसीबत में देखकर आँखें फेर ली।
30. आपे से बाहर होना (क्रोध के कारण अनियन्त्रित होना)-अपने साथी की पिटाई की खबर सुनते ही छात्रावास के सभी छात्र आपे से बाहर हो गये।
31.आकाश से बातें करना (बहुत ऊँचा होना)-अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में कई भवन तो ऐसे हैं, जो आकाश से बातें करते प्रतीत होते हैं।
32.आग में घी डालना (क्रोध को और बढ़ाना)-किसी भी वाद-विवाद के समय बीती बातों का जिक्र आग में घी डालने का काम करता है।
33. आग बबूला होना (अत्यधिक क्रोधित होना)-कार्य में लापरवाही बरतने का मिथ्या दोषारोपण किये जाने के कारण विकास अपने अधिकारी पर आग बबूला हो उठा।
34. आनन-फानन में (बिना किसी देर के)-मोहन ने आनन-फानन में अपने मित्र को दस पृष्ठों का एक पत्र लिख दिया।
35. आस्तीन का साँप (विश्वासघाती मित्र)-भारत चीन को मित्र समझता था, परन्तु भारत पर आक्रमण करके उसने स्वयं को आस्तीन का साँप सिद्ध कर दिया।
36. आकाश-पाताल का अन्तर (बहुत अधिक अन्तर)-भारत की स्वतन्त्रता से पूर्व और वर्तमान स्थिति में आकाश-पाताल का अन्तर हो गया है।
37.आसमान के तारे तोड़ना (असम्भव काम का प्रयास करना)-तुम मुख्यमन्त्री बनने के स्वप्न देख रहे हो। तुम्हारे जैसे गँवार के लिए तो विधायक बनना भी आसमान के तारे तोड़ने से कम नहीं है।
38. आसमान सिरं पर उठाना (बहुत अधिक शोर मचाना)-मोहन का मिजाज बहुत गर्म है। वह जरा-जरा-सी बातों पर आसमान सिर पर उठा लेता है।
39. आधा तीतर आधा बटेर ( इधर का उधर का)-अध्यापक ने छात्रों को समझाया कि या तो अंग्रेजी में बात किया करें या हिन्दी में। बात-चीत के दौरान आधा तीतर आधा बटेर उचित नहीं। .
40. आसमान पर थूकना (महान् व्यक्ति पर दोषारोपण करना)-देश के राष्ट्रपति के ऊपर कदाचार का आरोपण आसमान पर थूकने जैसा है।
41. आकाश-पाताल एक कर देना (असीमित प्रयत्न करना)-इस वर्ष आई० ए० एस० परीक्षा की तैयारी के लिए सुरेश ने आकाश-पाताल एक कर दिया।
42. आटे-दाल का भाव मालूम होना (वास्तविकता का समझ में आना)-युवावस्था में जब गृहस्थी का बोझ उठाना होता है, तो अधिकांश लोगों को आटे-दाल का भाव मालूम हो जाता है।
43. आड़े हाथों लेना (शर्मिन्दा करना)-राजेश बहुत बढ़-चढ़कर बातें कर रहा था, किन्तु जब प्रदीप ने उसे आड़े हाथों लिया तो उसकी बोलती बन्द हो गयी।
44. आँखें मीचना (मर जाना)-लम्बी बीमारी के बाद महेश के पिता ने कल अपनी आँखें मीच ली। .
45.आसमान टूट पड़ना (असम्भव घटित होना)-यदि विधानसभा में सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए बुलाया जाता है, तो कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा।
46. इधर की उधर लगाना (चुगली करना)-इधर की उधर लगाकर ही अजय ने दो लोगों के घनिष्ठ सम्बन्ध में दरार पैदा कर दी। 
47. इज्जत मिट्टी में मिलना (सम्मान नष्ट होना)-बेटा, तुमने तो चोरी करके मेरी इज्जत मिट्टी . में मिला दी।
48. ईद का चाँद होना (अधिक दिनों में दिखाई देना)-भाई विपिन, जब से तुम सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने हो, ईद का चाँद हो गये हो।
49. ईंट से ईंट बजाना (समूल विनाश करना)-यदि कोई शत्रु देश भारत पर आक्रमण करने का दुःसाहस करेगा, तो भारतीय सैनिक उसकी ईंट से ईंट बजा देंगे।
50. ईंट का जवाब पत्थर से देना (दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना)-भारत शान्तिप्रिय देश है, परन्तु पाकिस्तान ने यदि उसके साथ कोई अनुचित कार्य किया, तो ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।
51. ईश्वर का प्यारा होना (मृत्यु होना)-ट्रेन से टकराकर बस बहुत दूर तक घिसटती चली गयी। बस के अधिकांश यात्री ईश्वर को प्यारे हो गये।
52. उँगली उठाना (आक्षेप लगाना)-न्यायाधीशों की निष्पक्षता पर कभी किसी को सन्देह नहीं था, परन्तु अब तो उन पर उँगलियाँ उठने लगी हैं।
53. उँगली पर नचाना (मनमानी करना)-स्त्रैण पुरुषों को उनकी पत्नियाँ हमेशा अपनी उँगलियों पर नचाया करती हैं।
54. उड़ती चिड़िया पहचानना (के पंख गिनना) (दूर से ही वास्तविकता को समझ जाना)-चोर दारोगा को अपने चोर होने की दुहाई दे रहा था। दारोगा ने उससे कहा कि मैं अनाड़ी नहीं हूँ, मैं उड़ती चिड़िया पहचानता हूँ।
55. उल्टी गंगा बहाना (नियम विरुद्ध कार्य करना)-मोहन का मित्र सदैव उसके हित की बात करता है, परन्तु वह उसे अपना विरोधी बताकर हमेशा उल्टी गंगा बहाता है।
56. उल्टे पाँव लौटना (असफल होकर लौटना)-चोरों ने दीवार में सेंध लगा ली। आवाज से घर के सभी सदस्य जग गये, परिणामस्वरूप चोरों को उल्टे पाँव लौटना पड़ा।
57. उल्लू बोलना (बुरा समय आना)-राजा-महाराजाओं के जमाने में राजमहलों की शान-शौकत देखने लायक होती थी, परन्तु अब प्रजातान्त्रिक युग में वहाँ उल्लू बोलते प्रतीत होते हैं।
58. उल्लू सीधा करना (स्वार्थ सिद्ध करना)-राम ने श्याम से ही अपने सारे कठिन कार्य करवा कर अपना उल्लू सीधा कर लिया।
59. ऊँट के मुँह में जीरा (अति अल्प साधन)-गुजरात की प्राकृतिक आपदा से पीड़ित जनता के लिए दो-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता तो ऊँट के मुँह में जीरे के समान है।
60. एक अनार सौ बीमार (एक वस्तु को प्राप्त करने के लिए बहुत लोगों का प्रयास)-आजकल एक छोटी-सी नौकरी के लिए सैकड़ों सिफारिशें आती हैं। एक अनार सौ बीमार, किसको रखें, किसको मना करें।
61. एक और एक ग्यारह (संगठित होना)-पाकिस्तानियों के षड्यन्त्रों को विफल करने के लिए भारतीयों को एक और एक ग्यारह होना पड़ेगा।
62. एक पंथ दो काज (दुहरा लाभ होना)-मैं अपने मित्र से मिलने हरिद्वार गया था। वहाँ मैंने हर की पैड़ी पर गंगा में स्नान भी कर लिया। इस पर मेरा मित्र बोला कि इसी को कहते हैं-एक पंथ दो काज।
63. एक आँख सुहाना (बिल्कुल अच्छा लगना)-चाचाजी के द्वारा किये जा रहे अनुचित क्रिया-कलाप पिताजी को एक आँख नहीं सुहाते हैं।
64. एक आँख से देखना (समान भाव रखना)-राज्यवर्धन एक दयालु एवं प्रजापालक राजा थे। वे सभी को एक आँख से देखते थे।
65. एक ही लकड़ी से हाँकना (अच्छे-बुरे की पहचान होना)-पराधीनता के दिनों में अंग्रेजों ने उचित-अनुचित का विवेक करते हुए सभी भारतवासियों को एक ही लकड़ी से हाँक दिया।
66. एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होना (सभी का एक जैसा होना)-चुनाव जीत जाने के बाद किस सरकार में विश्वास करें। झूठ बोलने में तो सभी माहिर हैं अथवा यह भी कह सकते हैं कि सभी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।
67. एक चलने देना (किसी भी बात को मानना)-आज समय बदल चुका है। आजकल के बच्चे अपने सामने बड़ों की एक नहीं चलने देते।
68. एड़ी-चोटी का पसीना एक करना (अत्यधिक परिश्रम करना)-स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रथम श्रेणी लाने के लिए तुम्हें एड़ी-चोटी का पसीना एक करना होगा।
69. ओखली में सिर देना (जानबूझकर अपने को संकट में डालना)-उस कुख्यात आतंकवादी के खिलाफ अदालत में गवाही देकर क्यों ओखली में सिर दे रहे हो।
70. करवटें बदलना (चिन्ता के कारण नींद आना)-मेरी इण्टरमीडिएट परीक्षा का परिणाम कल निकलने वाला था तो मैं रातभर करवटें बदलता रहा।
71. कच्चा चिट्ठा खोलना (कमियाँ प्रकट करना)-विपक्षी दल के नेताओं ने अपनी सारी शक्ति सरकार का कच्चा चिट्ठा खोलने में ही व्यय कर दी।
72. कटी पतंग होना (उद्देश्यहीन होना)-कॉलेज में बी० ए० में दाखिला मिलने के कारण सुधीर का जीवन कटी पतंग की तरह हो गया है।
73. कोल्हू का बैल होना (दिन-रात काम करना)-बहुत-से लोग अधिक-से-अधिक कमाई करने की लालसा में कोल्हू का बैल बने रहते हैं, अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं रखते।
74. कान में तेल डालना (ध्यान देना)-कर्मचारियों के वेतन और भत्ता बढ़ाने की माँग करने पर सरकार तीन महीनों से कानों में तेल डालकर बैठी है।।
75. कानों-कान खबर होना (किसी को पता चलना)-गीता को पुत्ररत्न की प्राप्ति हो गयी, किन्तु इसकी घर के सदस्यों के अतिरिक्त किसी को कानों-कान खबर तक नहीं हुई।
76. कलई खुलना (भेद खुलना)-सेठ माधवलाल बड़े ईमानदार माने जाते थे, परन्तु उनके नौकर ने सीमेण्ट में राख मिलाने की बात कहकर उनकी कलई खोल दी।
77.काला अक्षर भैंस बराबर (बिल्कुल अशिक्षित)-तुम अंग्रेजी का अखबार लेकर क्या करोगे, तुम्हारे लिए तो अंग्रेजी भाषा काला अक्षर भैंस बराबर है।
78. कलेजा ठण्डा होना (चैन पड़ना)-भूतपूर्व मन्त्री जी की चुनाव में जमानत जब्त हो जाने पर विपक्षी दलों के नेताओं का कलेजा ठण्डा हो गया।
79. कफन सिर पर बाँधना (मरने के लिए तैयार रहना)-भारतीय सैनिक दुश्मन सैनिकों से लड़ने के लिए कफन सिर पर बाँधकर कारगिल युद्ध में कूद पड़े।
80. कमर टूटना (हिम्मत पस्त होना)-दीपावली पर पटाखों के बाजार में आकस्मिक आग लगने के कारण दुकानदारों की तो कमर ही टूट गयी।

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