UP Board Class 12 History Model Papers
Paper 1
(with Hints and Solutions)
समय: 3 घण्टे 15 मिनट
पूणक: 100
निर्देश
प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
नोट
पूणक: 100
निर्देश
प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
नोट
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- इस प्रश्न-पत्र में पाँच खण्ड हैं।
- खण्ड ‘क’ में 10 बहुविकल्पीय प्रश्न हैं, खण्ड ‘ख’ में 05 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 50 शब्द) हैं।
- खण्ड ‘ग’ में 06 लघु उत्तरीय प्रश्न (लगभग 100 शब्द) हैं।
- खण्ड ‘घ’ में 03 विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (लगभग 500 शब्द) हैं।
- खण्ड ‘ङ’ में ऐतिहासिक तिथियों व मानचित्र से सम्बन्धित 05 प्रश्न हैं। शब्द सीमा में (कम या ज्यादा) 10% की छूट अनुमन्य है।
- सभी प्रश्नों के निर्धारित अंक उनके सम्मुख अंकित हैं।
खण्ड-‘क’
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
तुजुक-ए-बाबरी’ को रचयिता था? [1]
(a) बाबर
(b) फैजी
(c) हुमायूँ
(d) फरिश्ता
प्रश्न 1.
तुजुक-ए-बाबरी’ को रचयिता था? [1]
(a) बाबर
(b) फैजी
(c) हुमायूँ
(d) फरिश्ता
प्रश्न 2.
औरंगजेब ने शाहजहाँ को कहाँ कैद कर रखा था? [1]
(a) आगरा में
(b) दिल्ली में
(c) शाहजहानाबाद में
(d) फिरोजाबाद
औरंगजेब ने शाहजहाँ को कहाँ कैद कर रखा था? [1]
(a) आगरा में
(b) दिल्ली में
(c) शाहजहानाबाद में
(d) फिरोजाबाद
प्रश्न 3.
मुगल साम्राज्य का अन्तिम सम्राट कौन था? [1]
(a) बहादुरशाह प्रथम
(b) बहादुरशाह द्वितीय
(c) शाहआलम
(d) मुहम्मदशाह
मुगल साम्राज्य का अन्तिम सम्राट कौन था? [1]
(a) बहादुरशाह प्रथम
(b) बहादुरशाह द्वितीय
(c) शाहआलम
(d) मुहम्मदशाह
प्रश्न 4.
शिवाजी की राजधानी थी? [1]
(a) पुरन्दर
(b) रायगढ़
(c) सिंहगढ़
(d) पुणे
शिवाजी की राजधानी थी? [1]
(a) पुरन्दर
(b) रायगढ़
(c) सिंहगढ़
(d) पुणे
प्रश्न 5.
1833 ई. का चार्टर किस गर्वनर जनरल के समय पास हुआ? [1]
(a) लॉर्ड क्लाइव
(b) लॉर्ड वेलेजली
(c) लॉर्ड-कॉर्नवालिस
(d) लॉर्ड विलियम बैंण्टिक
1833 ई. का चार्टर किस गर्वनर जनरल के समय पास हुआ? [1]
(a) लॉर्ड क्लाइव
(b) लॉर्ड वेलेजली
(c) लॉर्ड-कॉर्नवालिस
(d) लॉर्ड विलियम बैंण्टिक
प्रश्न 6.
ब्रह्म समाज के संस्थापक कौन थे [1]
(a) राजाराम मोहन राय
(b) स्वामी विवेकानन्द
(c) स्वामी दयानन्द सरस्वती
(d) रामकृष्ण परमहंस
ब्रह्म समाज के संस्थापक कौन थे [1]
(a) राजाराम मोहन राय
(b) स्वामी विवेकानन्द
(c) स्वामी दयानन्द सरस्वती
(d) रामकृष्ण परमहंस
प्रश्न 7.
बंगाल विभाजन के समय भारत का वायसराय था [1]
(a) लॉर्ड कर्जन
(b) लॉर्ड मिन्टो
(c) लॉर्ड रिपन,
(d) लॉर्ड डफरिन
बंगाल विभाजन के समय भारत का वायसराय था [1]
(a) लॉर्ड कर्जन
(b) लॉर्ड मिन्टो
(c) लॉर्ड रिपन,
(d) लॉर्ड डफरिन
प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से गरम दल के नेता थे [1]
(a) दादा भाई नौरोजी
(b) फिरोज शाह मेहता।
(c) बाल गंगाधर तिलक
(d) ए.ओ. ह्युम
निम्नलिखित में से गरम दल के नेता थे [1]
(a) दादा भाई नौरोजी
(b) फिरोज शाह मेहता।
(c) बाल गंगाधर तिलक
(d) ए.ओ. ह्युम
प्रश्न 9.
निम्न में से कौन-सा आन्दोलन गाँधी जी से सम्बन्धित नहीं था? [1]
(a) असहयोग आन्दोलन
(b) होमरूल आन्दोलन
(c) सविनय अवज्ञा आन्दोलन
(d) भारत छोड़ो आन्दोलन
निम्न में से कौन-सा आन्दोलन गाँधी जी से सम्बन्धित नहीं था? [1]
(a) असहयोग आन्दोलन
(b) होमरूल आन्दोलन
(c) सविनय अवज्ञा आन्दोलन
(d) भारत छोड़ो आन्दोलन
प्रश्न 10.
गाँधी जी ने डाण्डी मार्च प्रारम्भ किया था [1]
(a) अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए कहने हेतु
(b) नमक कानून तोड़ने हेतु
(c) विदेशी सामानों के बहिष्कार हेतु
(d) हिन्दू मुस्लिम एकता हेतु
गाँधी जी ने डाण्डी मार्च प्रारम्भ किया था [1]
(a) अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए कहने हेतु
(b) नमक कानून तोड़ने हेतु
(c) विदेशी सामानों के बहिष्कार हेतु
(d) हिन्दू मुस्लिम एकता हेतु
खण्ड-‘ख’
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 11.
राणा सांगा की पराजय के क्या परिणाम हुए? [2]
प्रश्न 11.
राणा सांगा की पराजय के क्या परिणाम हुए? [2]
प्रश्न 12.
शेरशाह को ‘शेर खाँ’ की उपाधि क्यों दी गई? [2]
शेरशाह को ‘शेर खाँ’ की उपाधि क्यों दी गई? [2]
प्रश्न 13.
पुरन्दर की सन्धि किस-किस के मध्य हुई? [2]
पुरन्दर की सन्धि किस-किस के मध्य हुई? [2]
प्रश्न 14.
फ्रांसीसियों के विरुद्ध अंग्रेजों की सफलता के किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए? [2]
फ्रांसीसियों के विरुद्ध अंग्रेजों की सफलता के किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए? [2]
प्रश्न 15.
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट क्या था? [2]
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट क्या था? [2]
खण्ड-‘ग’
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 16.
“हुमायूँ स्वयं अपना शत्रु था” स्पष्ट कीजिए? [5]
प्रश्न 16.
“हुमायूँ स्वयं अपना शत्रु था” स्पष्ट कीजिए? [5]
प्रश्न 17.
‘अष्ट्र प्रधान के विषय में आप क्या जानते हैं? [5]
‘अष्ट्र प्रधान के विषय में आप क्या जानते हैं? [5]
प्रश्न 18.
1857 ई. की क्रान्ति का तात्कालिक कारण क्या था? [5]
1857 ई. की क्रान्ति का तात्कालिक कारण क्या था? [5]
प्रश्न 19.
खिलाफत आन्दोलन के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए? [5]
खिलाफत आन्दोलन के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए? [5]
प्रश्न 20.
1947 के अधिनियम की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए? [5]
1947 के अधिनियम की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए? [5]
प्रश्न 21.
गुटनिरपेक्षता का क्या महत्त्व है? [5]
गुटनिरपेक्षता का क्या महत्त्व है? [5]
खण्ड-‘घ’
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 22.
“अकबर मुगल साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था, इस कथन की विवेचना कीजिए। [10]
अथवा
“शाहजहाँ का काल मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग था’ क्या आप सहमत हैं? विवेचना कीजिए। [10]
प्रश्न 22.
“अकबर मुगल साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था, इस कथन की विवेचना कीजिए। [10]
अथवा
“शाहजहाँ का काल मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग था’ क्या आप सहमत हैं? विवेचना कीजिए। [10]
प्रश्न 23.
(i) बक्सर के युद्ध के कारण तथा परिणामों पर प्रकाश डालिए [10]
अथवा
(ii) बंगाल के द्वैध-शासन के पक्ष-विपक्ष पर प्रकाश डालिए? [10]
(i) बक्सर के युद्ध के कारण तथा परिणामों पर प्रकाश डालिए [10]
अथवा
(ii) बंगाल के द्वैध-शासन के पक्ष-विपक्ष पर प्रकाश डालिए? [10]
प्रश्न 24.
‘भारत सरकार अधिनियम 1935’ की प्रमुख धाराओं का वर्णन कीजिए? [10]
अथवा
1919′ के अधिनियम की प्रमुख धाराओं का उल्लेख कीजिए। [10]
‘भारत सरकार अधिनियम 1935’ की प्रमुख धाराओं का वर्णन कीजिए? [10]
अथवा
1919′ के अधिनियम की प्रमुख धाराओं का उल्लेख कीजिए। [10]
खण्ड-‘ङ’
प्रश्न 25.
निम्नलिखित ऐतिहासिक तिथियों से सम्बन्धित घटनाओं का उल्लेख कीजिए। [10]
1. 1658 ई.
2. 1659 ई.
3. 1742 ई.
4. 1798 ई.
5. 1856 ई.
6. 1875 ई.
7. 1885 ई.
8. 1798 ई.
9. 1932 ई.
10. 1956 ई.
निम्नलिखित ऐतिहासिक तिथियों से सम्बन्धित घटनाओं का उल्लेख कीजिए। [10]
1. 1658 ई.
2. 1659 ई.
3. 1742 ई.
4. 1798 ई.
5. 1856 ई.
6. 1875 ई.
7. 1885 ई.
8. 1798 ई.
9. 1932 ई.
10. 1956 ई.
प्रश्न 26.
मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न
दिए गए भारत के रेखा-मानचित्र में निम्नलिखित स्थानों का अंकन
(अ) चिह्न द्वारा दर्शाइए तथा उनके नाम भी लिखिए। सही नाम तथा सही स्थान दर्शाने के लिए 1+ 1 अंक निर्धारित है। |
(i) वह स्थान जहाँ से 1857 ई. की क्रान्ति की शुरुआत हुई। । [2]
(ii) वह स्थान जहाँ कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ। । [2]
(iii) वह स्थान जहाँ जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ। । [2]
(iv) ‘राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956′ द्वारा 1 मई 1960 में किए गए परिवर्तन द्वारा गठित नया राज्य। [2]
(v) ‘2000 ई. में संसद द्वारा पारित विधेयक द्वारा गठित कोई एक राज्य। [2]
मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न
दिए गए भारत के रेखा-मानचित्र में निम्नलिखित स्थानों का अंकन
(अ) चिह्न द्वारा दर्शाइए तथा उनके नाम भी लिखिए। सही नाम तथा सही स्थान दर्शाने के लिए 1+ 1 अंक निर्धारित है। |
(i) वह स्थान जहाँ से 1857 ई. की क्रान्ति की शुरुआत हुई। । [2]
(ii) वह स्थान जहाँ कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ। । [2]
(iii) वह स्थान जहाँ जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ। । [2]
(iv) ‘राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956′ द्वारा 1 मई 1960 में किए गए परिवर्तन द्वारा गठित नया राज्य। [2]
(v) ‘2000 ई. में संसद द्वारा पारित विधेयक द्वारा गठित कोई एक राज्य। [2]
Answers
उत्तर 1.
(a) बाबर
(a) बाबर
उत्तर 2.
(b) दिल्ली में
(b) दिल्ली में
उत्तर 3.
(c) शाहआलम
(c) शाहआलम
उत्तर 4.
(b) रायगढ़
(b) रायगढ़
उत्तर 5.
(d) लॉर्ड विलियम बैंण्टिक
(d) लॉर्ड विलियम बैंण्टिक
उत्तर 6.
(a) राजाराम मोहन राय
(a) राजाराम मोहन राय
उत्तर 7.
(a) लॉर्ड कर्जन
(a) लॉर्ड कर्जन
उत्तर 8.
(c) बाल गंगाधर तिलक
(c) बाल गंगाधर तिलक
उत्तर 9.
(b) होमरूल आन्दोलन
(b) होमरूल आन्दोलन
उत्तर 10.
(b) नमक कानून तोड़ने हेतु
(b) नमक कानून तोड़ने हेतु
उत्तर 11.
राणा सांगा मेवाड़ के राजपूत शासक थे। 17 मार्च 1527 ई. को हुए खानवा के युद्ध में वे मुगल शासक बाबर से पराजित हो गए। इस | पराजय के निम्नलिखित परिणाम हुए।
राणा सांगा मेवाड़ के राजपूत शासक थे। 17 मार्च 1527 ई. को हुए खानवा के युद्ध में वे मुगल शासक बाबर से पराजित हो गए। इस | पराजय के निम्नलिखित परिणाम हुए।
- भारत पर मुगल साम्राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- राजपूत सत्ता की पकड़ कमजोर हुई।
उत्तर 12.
शेरशाह को ‘शेर खाँ’ की उपाधि दक्षिण बिहार के सूबेदार बहार खाँ लोहानी के द्वारा एक शेर को मारने के उपलक्ष्य में प्रदान की गई थी। शेरशाह की बहादुरी से प्रभावित होकर लोहानी ने शेरशाह को अपने पुत्र जलाल खाँ का संरक्षक भी नियुक्त किया था।
शेरशाह को ‘शेर खाँ’ की उपाधि दक्षिण बिहार के सूबेदार बहार खाँ लोहानी के द्वारा एक शेर को मारने के उपलक्ष्य में प्रदान की गई थी। शेरशाह की बहादुरी से प्रभावित होकर लोहानी ने शेरशाह को अपने पुत्र जलाल खाँ का संरक्षक भी नियुक्त किया था।
उत्तर 13.
पुरन्दर की सन्धि शिवाजी और मुगल शासक औरंगजेब के मध्य 24 जून, 1665 को हुई। इस सन्धि के अनुसार, शिवाजी को अपने 33 में से 23 किले मुगलों को देने पड़े। उनके पुत्र शम्भाजी को मुगल दरबार में 5000 का मनसब दिया गया तथा शिवाजी ने मुगलों की तरफ से बीजापुर के विरुद्ध युद्ध एवं सेवा करने का वचन दिया। इस सन्धि के समय मनूची भी उपस्थित था।
पुरन्दर की सन्धि शिवाजी और मुगल शासक औरंगजेब के मध्य 24 जून, 1665 को हुई। इस सन्धि के अनुसार, शिवाजी को अपने 33 में से 23 किले मुगलों को देने पड़े। उनके पुत्र शम्भाजी को मुगल दरबार में 5000 का मनसब दिया गया तथा शिवाजी ने मुगलों की तरफ से बीजापुर के विरुद्ध युद्ध एवं सेवा करने का वचन दिया। इस सन्धि के समय मनूची भी उपस्थित था।
उत्तर 14.
फ्रांसीसियों एवं अग्रेजों के मध्य तीन कर्नाटक युद्ध हुए। जिनमें फ्रांसीसियों की पराजय हुई। इन युद्धों में अंग्रेजों की सफलता के दो कारण निम्नलिखित थे।
फ्रांसीसियों एवं अग्रेजों के मध्य तीन कर्नाटक युद्ध हुए। जिनमें फ्रांसीसियों की पराजय हुई। इन युद्धों में अंग्रेजों की सफलता के दो कारण निम्नलिखित थे।
(i) फ्रांसीसी सेनापति डुप्ले, बुसी, लाली की तुलना में अंग्रेज सेनापति क्लाइव, लॉरेन्स तथा आयरकूट की कुशलता।
(ii) इंग्लैण्ड की नौ-सेना की सर्वोच्चता।
(ii) इंग्लैण्ड की नौ-सेना की सर्वोच्चता।
उत्तर 15.
लॉर्ड लिटन के समय वर्ष 1878 में लागू वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट भारतीय भाषाओं में छपने वाले समाचार-पत्रों की स्वतन्त्रता को प्रतिबन्धित करने वाला एक कानून था। यह राष्ट्रवादी विचारों के प्रसार को रोकने के लिए लाया गया था। लॉर्ड रिपन ने 1882 ई. में इस एक्ट को रद्द कर दिया।
लॉर्ड लिटन के समय वर्ष 1878 में लागू वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट भारतीय भाषाओं में छपने वाले समाचार-पत्रों की स्वतन्त्रता को प्रतिबन्धित करने वाला एक कानून था। यह राष्ट्रवादी विचारों के प्रसार को रोकने के लिए लाया गया था। लॉर्ड रिपन ने 1882 ई. में इस एक्ट को रद्द कर दिया।
उत्तर 20.
1947 को अधिनियम ब्रिटिश संसद द्वारा पारित अधिनियम है, जिसके आधार पर भारत एवं पाकिस्तान में विभाजन किया गया। तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउण्ट बेटन की योजना पर आधारित यह विधेयक 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद में पेश किया गया और 18 जुलाई 1947 को शाही संस्तुति मिलने के बाद अधिनियम बना। इस अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं।
1947 को अधिनियम ब्रिटिश संसद द्वारा पारित अधिनियम है, जिसके आधार पर भारत एवं पाकिस्तान में विभाजन किया गया। तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउण्ट बेटन की योजना पर आधारित यह विधेयक 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद में पेश किया गया और 18 जुलाई 1947 को शाही संस्तुति मिलने के बाद अधिनियम बना। इस अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं।
(i) भारतीय रियासतों को यह अधिकार दिया गया की वे अपनी इच्छानुसार भारत या पाकिस्तान में रह सकती हैं।
(ii) जब तक नया संविधान नहीं बन जाता, तब तक दोनों राज्यों का शासन भारत सरकार अधिनियम 1935 के द्वारा ही चलाया जाएगा।
(iii) भारत का विभाजन उसके स्थान पर भारत तथा पाकिस्तान नामक दो अधिराज्यों में होगा।
(iv) दोनों अधिराज्यों के पास अधिकार सुरक्षित होगा की वे इच्छानुसार राष्ट्रमण्डल में बने रहें या अलग हो जाएँ।
(v) ब्रिटेन में भारत ने मन्त्री के पद को समाप्त कर दिया गया।
(vi) 15 अगस्त, 1947 से भारत और पाकिस्तान में अलग-अलग गवर्नर जनरल कार्य करेंगे।
(vii) जब तक नए प्रान्तों में चुनाव नहीं हो जाते, उस समय तक प्रान्तों में पुराने विधानमण्डल कार्य कर सकेंगे।
(ii) जब तक नया संविधान नहीं बन जाता, तब तक दोनों राज्यों का शासन भारत सरकार अधिनियम 1935 के द्वारा ही चलाया जाएगा।
(iii) भारत का विभाजन उसके स्थान पर भारत तथा पाकिस्तान नामक दो अधिराज्यों में होगा।
(iv) दोनों अधिराज्यों के पास अधिकार सुरक्षित होगा की वे इच्छानुसार राष्ट्रमण्डल में बने रहें या अलग हो जाएँ।
(v) ब्रिटेन में भारत ने मन्त्री के पद को समाप्त कर दिया गया।
(vi) 15 अगस्त, 1947 से भारत और पाकिस्तान में अलग-अलग गवर्नर जनरल कार्य करेंगे।
(vii) जब तक नए प्रान्तों में चुनाव नहीं हो जाते, उस समय तक प्रान्तों में पुराने विधानमण्डल कार्य कर सकेंगे।
उत्तर 23.
(ii) भारत में 17वीं शताब्दी तक ईस्ट-इण्डिया कम्पनी अपनी व्यापारिक स्थिति मजबूत कर चुकी थी। इसके बाद कम्पनी ने भारत के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना प्रारम्भ कर दिया। कम्पनी के राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण ही बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला तथा कम्पनी के मध्य सम्बन्ध कटु हो गए। जिसके कारण 1757 ई. में इनके मध्य प्लासी का युद्ध हुआ और सिराजुद्दौला की हार हुई। इस जीत के बाद कम्पनी ने अपनी इच्छानुसार बंगाल में नवाब बदलने प्रारम्भ कर दिए।
(ii) भारत में 17वीं शताब्दी तक ईस्ट-इण्डिया कम्पनी अपनी व्यापारिक स्थिति मजबूत कर चुकी थी। इसके बाद कम्पनी ने भारत के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना प्रारम्भ कर दिया। कम्पनी के राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण ही बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला तथा कम्पनी के मध्य सम्बन्ध कटु हो गए। जिसके कारण 1757 ई. में इनके मध्य प्लासी का युद्ध हुआ और सिराजुद्दौला की हार हुई। इस जीत के बाद कम्पनी ने अपनी इच्छानुसार बंगाल में नवाब बदलने प्रारम्भ कर दिए।
सिराजुद्दौला के पश्चात् मीर जाफर बंगाल का शासक बना था, जो अंग्रेजों और इस कम्पनी के फायदे के लिए कार्य करता रहता था। तीन वर्ष पश्चात् कम्पनी ने मीर जाफर को पदच्युत करके मीर कासिम को नवाब बनाया जो मीर जाफर का दामाद था।
मीर कासिम एक योग्य व्यक्ति था, इसने बंगाल का नवाब बनते ही अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रशासनिक कदम उठाए। जिसके कारण मीर कासिम और कम्पनी के सम्बन्ध बिगड़ गए, जिसके कारण 1764 ई. में बक्सर का युद्ध हुआ, जिसमें ब्रिटिशों ने मुगल सम्राट शाह आलम बंगाल के नवाब मीर कासिम एवं अवध के नवाब सिजाउद्दौला को पराजित किया। इसके बाद भारत में ब्रिटेन की ताकत और बढ़ गई एवं इस जानकारी के बाद ब्रिटेन ने दुबारा लार्ड क्लाइव को बंगाल का गवर्नर बनाकर भारत भेजा।
लॉर्ड क्लाइव ने यहाँ प्रशासनिक सुधारों के अतिरिक्त 12 अगस्त 1765 ई. में मुगल सम्राटशाह आलम ने इलाहाबाद की सन्धि की इस सन्धि के द्वारा बंगाल में दोहरी सरकार अथवा द्वैध-शासन की स्थापना हुई। इससे कम्पनी को दीवानी और निजामत के अधिकार मिल गए थे, परन्तु कर्मचारी को मालगुजारी वसूल करने तथा | शासन चलाने का अनुभव नहीं था, इसलिए उन्होंने अधिकारों का विभाजन कर दिया। क्लाइव द्वारा स्थापित दोहरी शासन प्रणाली जटिल थी इस व्यवस्था में बंगाल का समस्त कार्य नवाब के नाम से चलता था, परन्तु उसके पास शक्ति नाममात्र की थी। नवाब कम्पनी के पेंशनर थे, परन्तु कम्पनी उन्हें खर्च के लिए निश्चित राशि देती थी। कम्पनी शासन कार्य में नवाब का निर्देशन करती थी, परन्तु रक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं थी। कम्पनी एक तरफ बंगाल के नवाब के अधीन होने का दिखावा करती थी तो दूसरी तरफ वास्तविक शक्ति ही कम्पनी के हाथों में थी।
क्लाइव की इस प्रणाली को द्वैध-शासन प्रणाली कहा जाता है। इसके पक्ष एवं विपक्ष में प्रमुख बातें निम्न प्रकार हैं।
पक्ष
पक्ष
(i) कम्पनी के कार्यों के लिए ऐसे कर्मचारियों की कमी थी, जो भारतीय भाषाओं तथा रीति-रिवाजों से परिचित हो, ऐसी स्थिति में कम्पनी ने शासन का उत्तरदायित्व भारतीयों पर डाल दिया, जिससे कम्पनी का शासन सुव्यवस्थित ढंग से चलने लगा एवं भारतीय खुश हो गए।
(ii) उस समय भारत के साथ युरोपीय, पुर्तगाली एवं फ्रांसीसी भी व्यापार करते थे, जो ईस्ट-इण्डिया कम्पनी के विरोधी थे, परन्तु क्लाइव ने द्वैध-शासन की सहायता से बंगाल के नवाब को समक्ष रखकर इन सभी से व्यापार किया और अपनी स्थिति भी मजबूत
की जिसके कारण संघर्ष की स्थिति उत्पन्न न हो सकी। |
(iii) द्घ-शासन के कारण ही कम्पनी मराठों की शक्ति से बच गई एवं इसे मराठों का सामना नहीं करना पड़ा। |
(iv) द्वैध-शासन के पूर्व कम्पनी तथा बंगाल नवाब के बीच परस्पर झगड़े होते रहते थे। जिससे जनता भी नाराज थी इस शासन व्यवस्था के बाद यह राजनीतिक संघर्ष बन्द हो गए। इसके बदले बंगाल नवाब को 53 लाख रुपए पेन्श्न के रूप में नवाब को दिए जाते थे, जो शासन चलाने के लिए काफी न थे।
(v) द्वैध-शासन के कारण भारतीय देशी राजाओं में किसी सन्देह की स्थिति उत्पन्न नहीं हो सकी जिससे कम्पनी एवं जनता को संघर्ष की अग्नि में नहीं जलना पड़ा।
(ii) उस समय भारत के साथ युरोपीय, पुर्तगाली एवं फ्रांसीसी भी व्यापार करते थे, जो ईस्ट-इण्डिया कम्पनी के विरोधी थे, परन्तु क्लाइव ने द्वैध-शासन की सहायता से बंगाल के नवाब को समक्ष रखकर इन सभी से व्यापार किया और अपनी स्थिति भी मजबूत
की जिसके कारण संघर्ष की स्थिति उत्पन्न न हो सकी। |
(iii) द्घ-शासन के कारण ही कम्पनी मराठों की शक्ति से बच गई एवं इसे मराठों का सामना नहीं करना पड़ा। |
(iv) द्वैध-शासन के पूर्व कम्पनी तथा बंगाल नवाब के बीच परस्पर झगड़े होते रहते थे। जिससे जनता भी नाराज थी इस शासन व्यवस्था के बाद यह राजनीतिक संघर्ष बन्द हो गए। इसके बदले बंगाल नवाब को 53 लाख रुपए पेन्श्न के रूप में नवाब को दिए जाते थे, जो शासन चलाने के लिए काफी न थे।
(v) द्वैध-शासन के कारण भारतीय देशी राजाओं में किसी सन्देह की स्थिति उत्पन्न नहीं हो सकी जिससे कम्पनी एवं जनता को संघर्ष की अग्नि में नहीं जलना पड़ा।
विपक्ष
(i) कम्पनी के पास वास्तविक शक्ति एवं नवाब के पास नाममात्र की शक्ति के कारण कम्पनी नवाबों को कठपुतली की तरह इस्तेमाल करती थी, जिससे बंगाल की जनता के कल्याण सम्बन्धी कार्यों में बाधा उत्पन्न हुई।
(ii) द्वैध-शासन के कारण कम्पनी शासन प्रबन्ध की जिम्मेदार नहीं थी।
(iii) कम्पनी ने अपनी आय में वृद्धि के लिए करों की मात्रा में वृद्धि की जिससे कम्पनी के प्रति अराजकता एवं बंगाल में अव्यवस्था एवं अष्टाचार में वृद्धि हुई।
(iv) द्वैध-शासन के कारण कम्पनी ने सैन्य प्रशासन अपने हाथों में ले । लिया जिससे ब्राह्य युद्ध और शान्ति के लिए नवाब कम्पनी की प्रतिक्षा करता था।
(v) बंगाल में वैष-शासन के कारण न्याय व्यवस्था भंग हो गई, क्योंकि कम्पनी न्याय व्यवस्था में भी हस्तक्षेप करने लगी।
(vi) द्वेष-शासन के उद्योग एवं व्यापार को बहुत हानि हुई तथा बंगाल का सूती-वस्त्र उद्योग बर्बाद हो गया।
(vii) भूमि कर वसूली का कार्य ठेकेदार को सौंप दिया गया, जिससे बचत करने के लिए ठेकेदार कार्य करते थे, इसके कारण ही कृषि व्यवस्था भी बन्द हो गई।
(ii) द्वैध-शासन के कारण कम्पनी शासन प्रबन्ध की जिम्मेदार नहीं थी।
(iii) कम्पनी ने अपनी आय में वृद्धि के लिए करों की मात्रा में वृद्धि की जिससे कम्पनी के प्रति अराजकता एवं बंगाल में अव्यवस्था एवं अष्टाचार में वृद्धि हुई।
(iv) द्वैध-शासन के कारण कम्पनी ने सैन्य प्रशासन अपने हाथों में ले । लिया जिससे ब्राह्य युद्ध और शान्ति के लिए नवाब कम्पनी की प्रतिक्षा करता था।
(v) बंगाल में वैष-शासन के कारण न्याय व्यवस्था भंग हो गई, क्योंकि कम्पनी न्याय व्यवस्था में भी हस्तक्षेप करने लगी।
(vi) द्वेष-शासन के उद्योग एवं व्यापार को बहुत हानि हुई तथा बंगाल का सूती-वस्त्र उद्योग बर्बाद हो गया।
(vii) भूमि कर वसूली का कार्य ठेकेदार को सौंप दिया गया, जिससे बचत करने के लिए ठेकेदार कार्य करते थे, इसके कारण ही कृषि व्यवस्था भी बन्द हो गई।
उत्तर 25.
महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक तिथियाँ एवं उनका घटनाक्रम
महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक तिथियाँ एवं उनका घटनाक्रम
1.
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1658 ई.
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औरंगजेब एवं मुराद द्वारा सामूगद के युद्ध में दारा की सेना पर निर्णायक विजया औरंगजेब को सिंहासनारोहण/शाहजहाँ का बन्दी बनाया जाना।
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2.
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1659 ई.
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शिवाजी द्वारा अफजल खाँ का बधा। औरंगजेब का द्वितीय (औपचारिक) राज्याभिषेक|
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3.
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1742 ई.
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व्यापारिक हित हेतु फ्रांसीसियों का भारत के | राजनीतिक क्षेत्र में हस्तक्षेप|
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4.
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1798 ई.
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हैदराबाद के निजाम द्वारा सहायक सन्धि को स्वीकार करना।
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5.
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1856 ई.
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विधवा पुनर्निवाह अधिनियम पारित किया गया।
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6.
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1875 ई.
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बम्बई में स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना, अलीगढ़ में मोहम्मडन एंग्लो ऑरिएण्टल कॉलेज की सर सैयद अहमद खाँ द्वारा स्थापना, न्यूयॉर्क में थियोसॉफिकल सोसायटी की स्थापना।
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7.
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1885 ई.
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अवकाश प्राप्त अंग्रेज अधिकारी एलन अक्टोवियन ह्यूम (ए. ओ. ह्यूम) द्वारा मुम्बई (बम्बई) में कांग्रेस की स्थापना
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8.
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1929 ई.
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दिसम्बर 1929 में कांग्रेस के लाहौर | अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की माँग की गई।
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9.
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1932 ई.
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साम्प्रदायिक निर्णय के विरुद्ध गाँधीजी का | अनशन। गाँधीजी तथा बी. आर. अम्बेडकर के बीच पूना समझौता
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10.
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1956 ई.
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 पारित किया गया।
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उत्तर 26.
(i) मेरठ
(ii) बम्बई (मुम्बई)
(iii) अमृतसर
(iv) गुजरात
(v) झारखण्ड
(i) मेरठ
(ii) बम्बई (मुम्बई)
(iii) अमृतसर
(iv) गुजरात
(v) झारखण्ड
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