Class 12 Chemistry
Chapter 8
परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर
लैन्थेनाइड संकुचन के कारण पश्च लैन्थेनाइडों में
(i) आयनन ऊर्जा अधिक हो जाती है।
(ii) घनत्व उच्च हो जाता है।
(iii) आयनिक त्रिज्या कम हो जाती है।
(iv) ये सभी
उत्तर
(iv) ये सभी
The d and
f Block Elements
(d-एवं f-ब्लॉक के तत्त्व)
Hindi Medium
परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर
(MCQ) बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
संक्रमण श्रेणी धातुओं का विशिष्ट गुण है –
(i) ये परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करती हैं।
(ii) ये सभी धातु उत्प्रेरक का कार्य करती हैं।
(iii) ये रंगीन यौगिक बनाती हैं।
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(iv) उपर्युक्त सभी
संक्रमण श्रेणी धातुओं का विशिष्ट गुण है –
(i) ये परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करती हैं।
(ii) ये सभी धातु उत्प्रेरक का कार्य करती हैं।
(iii) ये रंगीन यौगिक बनाती हैं।
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(iv) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
संक्रमण तत्त्व संकुल यौगिक बनाते हैं क्योंकि –
(i) रिक्त कक्षकों की उपलब्धता होती है।
(ii) धातु आयनों का आकार छोटा होता है।
(iii) परिवर्तनीय ऑक्सीकरण अवस्था होती है।
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(iv) उपर्युक्त सभी
संक्रमण तत्त्व संकुल यौगिक बनाते हैं क्योंकि –
(i) रिक्त कक्षकों की उपलब्धता होती है।
(ii) धातु आयनों का आकार छोटा होता है।
(iii) परिवर्तनीय ऑक्सीकरण अवस्था होती है।
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(iv) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 3.
संक्रमण तत्वों में 4d श्रेणी का तत्त्व है – (2015)
(i) 37A
(ii) 47B
(iii) 57C
(iv) 30D
उत्तर
(ii) 47B
संक्रमण तत्वों में 4d श्रेणी का तत्त्व है – (2015)
(i) 37A
(ii) 47B
(iii) 57C
(iv) 30D
उत्तर
(ii) 47B
प्रश्न 4.
कौन-सा तत्त्व d-ब्लॉक तत्त्व तो है किन्तु संक्रमण धातु नहीं है?
(i) Zn
(ii) Cu
(iii) Cr
(iv) Mn
उत्तर
(i) Zn
कौन-सा तत्त्व d-ब्लॉक तत्त्व तो है किन्तु संक्रमण धातु नहीं है?
(i) Zn
(ii) Cu
(iii) Cr
(iv) Mn
उत्तर
(i) Zn
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में अनुचुम्बकीय यौगिक है – (2017)
(i) CuCl
(ii) AgNO3
(iii) FeSO4
(iv) ZnCl2
उत्तर
(iii) FeSO4
निम्नलिखित में अनुचुम्बकीय यौगिक है – (2017)
(i) CuCl
(ii) AgNO3
(iii) FeSO4
(iv) ZnCl2
उत्तर
(iii) FeSO4
प्रश्न 6.
निम्नलिखित आयनों में अनुचुम्बकीय आयन कौन-सा नहीं है? (2013)
(Ni= 28, Zn= 30, Cu= 29, Mn= 25)
(i) Ni++
(ii) Zn++
(iii) Cu+
(iv) Mn++
उत्तर
(ii) Zn++
निम्नलिखित आयनों में अनुचुम्बकीय आयन कौन-सा नहीं है? (2013)
(Ni= 28, Zn= 30, Cu= 29, Mn= 25)
(i) Ni++
(ii) Zn++
(iii) Cu+
(iv) Mn++
उत्तर
(ii) Zn++
प्रश्न 7.
निम्न में अनुचुम्बकीय आयन है। (2013, 16)
(i) Zn2+
(ii) Ni2+
(iii) Cu+
(iv) Ag+
उत्तर
(ii) Ni2+
निम्न में अनुचुम्बकीय आयन है। (2013, 16)
(i) Zn2+
(ii) Ni2+
(iii) Cu+
(iv) Ag+
उत्तर
(ii) Ni2+
प्रश्न 8.
निम्न में से रंगहीन आयन है। (2013)
(i) Cu+
(ii) Cu2+
(iii) Ni2+
(iv) Fe3+
उत्तर
(i) Cu+
निम्न में से रंगहीन आयन है। (2013)
(i) Cu+
(ii) Cu2+
(iii) Ni2+
(iv) Fe3+
उत्तर
(i) Cu+
प्रश्न 9.
एक संक्रमण धातु की अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था प्राप्त करने में कौन-से इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं? (2018)
(i) ns इलेक्ट्रॉन
(ii) (n + 1) d इलेक्ट्रॉन
(iii) (n – 1)d इलेक्ट्रॉन
(iv) ns + (n – 1) d इलेक्ट्रॉन
उत्तर
(iv) ns + (n – 1) d इलेक्ट्रॉन
एक संक्रमण धातु की अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था प्राप्त करने में कौन-से इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं? (2018)
(i) ns इलेक्ट्रॉन
(ii) (n + 1) d इलेक्ट्रॉन
(iii) (n – 1)d इलेक्ट्रॉन
(iv) ns + (n – 1) d इलेक्ट्रॉन
उत्तर
(iv) ns + (n – 1) d इलेक्ट्रॉन
प्रश्न 10.
संक्रमण धातु जो परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था नहीं प्रदर्शित करता है, है (2014)
(i) Ti
(ii) V
(iii) Fe
(iv) Zn
उत्तर
(iv) Zn
संक्रमण धातु जो परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था नहीं प्रदर्शित करता है, है (2014)
(i) Ti
(ii) V
(iii) Fe
(iv) Zn
उत्तर
(iv) Zn
प्रश्न 11.
दुर्लभ मृदा तत्त्व हैं –
(i) क्षारीय मृदा तत्त्व
(ii) क्षारीय तत्त्व
(iii) संक्रमण श्रेणी के तत्त्व
(iv) लैन्थेनाइड
उत्तर
(iv) लैन्थेनाइड
दुर्लभ मृदा तत्त्व हैं –
(i) क्षारीय मृदा तत्त्व
(ii) क्षारीय तत्त्व
(iii) संक्रमण श्रेणी के तत्त्व
(iv) लैन्थेनाइड
उत्तर
(iv) लैन्थेनाइड
प्रश्न 12.
निम्न तत्त्वों में लैन्थेनाइड तत्त्व है – (2015)
(i) Ra
(ii) Ce
(iii) Ac
(iv) Zr
उत्तर
(ii) Ce
निम्न तत्त्वों में लैन्थेनाइड तत्त्व है – (2015)
(i) Ra
(ii) Ce
(iii) Ac
(iv) Zr
उत्तर
(ii) Ce
प्रश्न 13.
लैन्थेनाइडों का सामान्य बाह्यतम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है –
(i) 4f1-14 5d0 6s2
(ii) 4f0,2-14 5d0 6s2
(iii) 4f20-14 5d0-2 6s2
(iv) 4f0-14 5d1 6s2
उत्तर
(ii) 4f0,2-14 5d0 6s2
लैन्थेनाइडों का सामान्य बाह्यतम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है –
(i) 4f1-14 5d0 6s2
(ii) 4f0,2-14 5d0 6s2
(iii) 4f20-14 5d0-2 6s2
(iv) 4f0-14 5d1 6s2
उत्तर
(ii) 4f0,2-14 5d0 6s2
प्रश्न 14.
लैन्थेनाइड निम्न ऋणायन के साथ संकुल बनाते हैं।
(i) F–
(ii) Br–
(iii) Cl–
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(i) F–
लैन्थेनाइड निम्न ऋणायन के साथ संकुल बनाते हैं।
(i) F–
(ii) Br–
(iii) Cl–
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(i) F–
प्रश्न 15.
लैन्थेनाइडों के परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ परमाणवीय त्रिज्या में कमी होती है, किन्तु अपवाद है।
(i) Gd व Lu
(ii) Eu व Yb
(iii) Na व Ho
(iv) Dy व Ho
उत्तर
(ii) Eu व Yb
प्रश्न 16.लैन्थेनाइडों के परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ परमाणवीय त्रिज्या में कमी होती है, किन्तु अपवाद है।
(i) Gd व Lu
(ii) Eu व Yb
(iii) Na व Ho
(iv) Dy व Ho
उत्तर
(ii) Eu व Yb
लैन्थेनाइड संकुचन के कारण पश्च लैन्थेनाइडों में
(i) आयनन ऊर्जा अधिक हो जाती है।
(ii) घनत्व उच्च हो जाता है।
(iii) आयनिक त्रिज्या कम हो जाती है।
(iv) ये सभी
उत्तर
(iv) ये सभी
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
संक्रमण तत्त्वों की परमाणु त्रिज्याएँ किसी श्रेणी में किस प्रकार परिवर्तित होती हैं? (2014)
उत्तर
सामान्यत: एक विशिष्ट श्रेणी से सम्बन्धित संक्रमण तत्त्वों की परमाणु त्रिज्याएँ परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ घटती जाती हैं। प्रत्येक श्रेणी के अन्त में परमाणु त्रिज्याओं में थोड़ी वृद्धि देखने को मिलती है। समूह में नीचे की ओर जाने पर संक्रमण तत्त्वों की परमाणु त्रिज्याओं में वृद्धि होती है। द्वितीय और तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्त्वों की परमाणु त्रिज्याएँ लगभग समान रहती हैं।
संक्रमण तत्त्वों की परमाणु त्रिज्याएँ किसी श्रेणी में किस प्रकार परिवर्तित होती हैं? (2014)
उत्तर
सामान्यत: एक विशिष्ट श्रेणी से सम्बन्धित संक्रमण तत्त्वों की परमाणु त्रिज्याएँ परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ घटती जाती हैं। प्रत्येक श्रेणी के अन्त में परमाणु त्रिज्याओं में थोड़ी वृद्धि देखने को मिलती है। समूह में नीचे की ओर जाने पर संक्रमण तत्त्वों की परमाणु त्रिज्याओं में वृद्धि होती है। द्वितीय और तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्त्वों की परमाणु त्रिज्याएँ लगभग समान रहती हैं।
प्रश्न 2.
संक्रमण तत्त्व धात्विक लक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं? (2014)
उत्तर
संक्रमण तत्त्व धात्विक लक्षण प्रदर्शित करते हैं क्योंकि उनकी आयनन ऊर्जाएँ निम्न होती हैं तथा । उनके बाह्यतम कोश में अनेक रिक्त कक्षक भी उपस्थित होते हैं। ये कारक उनमें धात्विक आबन्धों के निर्माण में सहायता करते हैं।
संक्रमण तत्त्व धात्विक लक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं? (2014)
उत्तर
संक्रमण तत्त्व धात्विक लक्षण प्रदर्शित करते हैं क्योंकि उनकी आयनन ऊर्जाएँ निम्न होती हैं तथा । उनके बाह्यतम कोश में अनेक रिक्त कक्षक भी उपस्थित होते हैं। ये कारक उनमें धात्विक आबन्धों के निर्माण में सहायता करते हैं।
प्रश्न 3.
विलयन में Cu’ आयन रंगहीन जबकि Cu2+ आयन रंगीन होते हैं। क्यों? (2017)
उत्तर
Cu+ – 1s2, 252, 2p6, 3s2, 3p6, 3d10, 4s0, चूंकि सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित हैं इसलिए Cu+ आयन रंगहीन है। Cu2+ आयन में एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन है इसलिए यह नीले रंग का है।
Cu2+ – 1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d9
विलयन में Cu’ आयन रंगहीन जबकि Cu2+ आयन रंगीन होते हैं। क्यों? (2017)
उत्तर
Cu+ – 1s2, 252, 2p6, 3s2, 3p6, 3d10, 4s0, चूंकि सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित हैं इसलिए Cu+ आयन रंगहीन है। Cu2+ आयन में एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन है इसलिए यह नीले रंग का है।
Cu2+ – 1s2, 2s2, 2p6, 3s2, 3p6, 3d9
प्रश्न 4.
Mn3+ आयन की अपेक्षा Mn2+ आयन अधिक स्थायी होते हैं। क्यों? (2017)
उत्तर
हम जानते हैं कि आधे और पूरे भरे हुए ऑर्बिटल अधिक स्थायी होते हैं। Mn2+ में 3d पर पाँच इलेक्ट्रॉन हैं जोकि आधा भरा हुआ है। इसलिए Mn3+ आयन की अपेक्षा Mn2+ आयन अधिक स्थायी होते हैं।
Mn3+ आयन की अपेक्षा Mn2+ आयन अधिक स्थायी होते हैं। क्यों? (2017)
उत्तर
हम जानते हैं कि आधे और पूरे भरे हुए ऑर्बिटल अधिक स्थायी होते हैं। Mn2+ में 3d पर पाँच इलेक्ट्रॉन हैं जोकि आधा भरा हुआ है। इसलिए Mn3+ आयन की अपेक्षा Mn2+ आयन अधिक स्थायी होते हैं।
प्रश्न 5.
आयतनात्मक विश्लेषण में पोटैशियम परमैंगनेट विलयन को अम्लीकृत करने के लिए तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के स्थान पर HNO3 का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता है? (2015)
उत्तर
आयतनात्मक विश्लेषण में KMnO4 विलयन को अम्लीकृत करने के लिए dil. H2SO4 का प्रयोग किया जाता है न कि HNO3 का क्योकि HNO3 स्वयं ऑक्सीकारक है और आंशिक रूप से अपचायक को ऑक्सीकृत कर देता है।
2KMnO4 + 3H2SO4 → K2SO4 + 2MnSO4 + 3H2O + 5[O]
Reducing agent + [O] → Oxidised product
आयतनात्मक विश्लेषण में पोटैशियम परमैंगनेट विलयन को अम्लीकृत करने के लिए तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के स्थान पर HNO3 का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता है? (2015)
उत्तर
आयतनात्मक विश्लेषण में KMnO4 विलयन को अम्लीकृत करने के लिए dil. H2SO4 का प्रयोग किया जाता है न कि HNO3 का क्योकि HNO3 स्वयं ऑक्सीकारक है और आंशिक रूप से अपचायक को ऑक्सीकृत कर देता है।
2KMnO4 + 3H2SO4 → K2SO4 + 2MnSO4 + 3H2O + 5[O]
Reducing agent + [O] → Oxidised product
प्रश्न 6.
आन्तरिक (अन्तः) संक्रमण तत्त्व क्या हैं? (2014)
उत्तर
जिन तत्त्वों में विभेदी इलेक्ट्रॉन (n- 2) f- कक्षकों में प्रवेश करता है वे तत्त्व आन्तरिक (अन्तः) संक्रमण तत्त्व कहलाते हैं। ये तत्त्व आवर्त सारणी में एक अलग ब्लॉक, f-ब्लॉक का निर्माण करते हैं; अत: इन्हें f- ब्लॉक के तत्त्व भी कहते हैं।
आन्तरिक (अन्तः) संक्रमण तत्त्व क्या हैं? (2014)
उत्तर
जिन तत्त्वों में विभेदी इलेक्ट्रॉन (n- 2) f- कक्षकों में प्रवेश करता है वे तत्त्व आन्तरिक (अन्तः) संक्रमण तत्त्व कहलाते हैं। ये तत्त्व आवर्त सारणी में एक अलग ब्लॉक, f-ब्लॉक का निर्माण करते हैं; अत: इन्हें f- ब्लॉक के तत्त्व भी कहते हैं।
प्रश्न 7.
लैन्थेनाइड व ऐक्टिनाइड श्रेणियों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। या अन्तः संक्रमण तत्त्वों के सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। (2014)
उत्तर
लैन्थेनाइड्स के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निश्चित रूप से ज्ञात नहीं हैं। अधिकांश तत्त्वों में विभेदी इलेक्ट्रॉन 4f- उपकोश में प्रवेश करता है; अतः इन तत्त्वों का सैद्धान्तिक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Xe] 4fn 5d1 6s2 प्रकार का होता है।
चूँकि 4f- उपकोश की ऊर्जा 5d-उपकोश की ऊर्जा के काफी निकट है; अत: यह विभेद करना कठिन होता है कि इलेक्ट्रॉन 4f उपकोश में प्रवेश कर रहा है अथवा 5d-उपकोश में। यही कारण है कि इनके प्रागुक्त इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, इनके अवलोकित विन्यासों से भिन्न होते हैं। अवलोकित विन्यास मुख्यत: [Xe] 4fn+1 6s2 प्रकार के होते हैं।
ऐक्टिनाइड्स के इलेक्ट्रॉनिक विन्यासों को [Rn] 5f1-14 6d0-1 7s2 (अपवाद थोरियम को छोड़कर) के रूप में प्रकट किया जा सकता है।
लैन्थेनाइड व ऐक्टिनाइड श्रेणियों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। या अन्तः संक्रमण तत्त्वों के सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। (2014)
उत्तर
लैन्थेनाइड्स के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निश्चित रूप से ज्ञात नहीं हैं। अधिकांश तत्त्वों में विभेदी इलेक्ट्रॉन 4f- उपकोश में प्रवेश करता है; अतः इन तत्त्वों का सैद्धान्तिक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Xe] 4fn 5d1 6s2 प्रकार का होता है।
चूँकि 4f- उपकोश की ऊर्जा 5d-उपकोश की ऊर्जा के काफी निकट है; अत: यह विभेद करना कठिन होता है कि इलेक्ट्रॉन 4f उपकोश में प्रवेश कर रहा है अथवा 5d-उपकोश में। यही कारण है कि इनके प्रागुक्त इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, इनके अवलोकित विन्यासों से भिन्न होते हैं। अवलोकित विन्यास मुख्यत: [Xe] 4fn+1 6s2 प्रकार के होते हैं।
ऐक्टिनाइड्स के इलेक्ट्रॉनिक विन्यासों को [Rn] 5f1-14 6d0-1 7s2 (अपवाद थोरियम को छोड़कर) के रूप में प्रकट किया जा सकता है।
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