Part-6
Hindi Grammar
हिंदी व्याकरण
विलोम
किसी शब्द का विपरीत या उल्टा अर्थ देने वाले शब्द को विलोम शब्द कहते हैं। अत: विलोम का अर्थ है => उल्टा या विरोधी अर्थ देने वाला।
उदाहरण: =>
अग्र => पश्च
अज्ञ => विज्ञ
अमृत => विष
अथ => इति
अघोष => सघोष
अधम => उत्तम
अपकार => उपकार
अपेक्षा => उपेक्षा
अस्त => उदय
अनुरक्त => विरक्त
अनुराग => विराग
अन्तरंग => बहिरंग
अवतल => उत्तल
अवर => प्रवर
अमर => मर्त्य
अर्पण => ग्रहण
अवनि => अम्बर
अपमान => सम्मान
अतिवृष्टि => अनावृष्टि
अनुकूल => प्रतिकूल
अन्तर्द्वन्द्व => बहिर्द्वन्द्व
अग्रज => अनुज
अकाल => सुकाल
अर्थ => अनर्थ
अँधेरा => उजाला
अपेक्षित => अनपेक्षित
आदि => अन्त
आस्तिक => नास्तिक
आरम्भ => समापन
आहूत => अनाहूत
आयात => निर्यात
आभ्यन्तर => बाह्य
आवृत => अनावृत
आशा => निराशा
आरोहण => अवरोहण
आस्था => अनास्था
आर्द्र => शुष्क
आकाश => पाताल
आवाहन => विसर्जन
आविर्भाव => तिरोभाव
आरोह => अवरोह
आदान => प्रदान
आगामी => विगत
आदर => अनादर
आकर्षण => विकर्षण
आर्य => अनार्य
आश्रित => अनाश्रित
इष्ट => अनिष्ट
इहलोक => परलोक
उग्र => सौम्य
उदात्त => अनुदात्त
उत्कृष्ट => निकृष्ट
उपसर्ग => परसर्ग
उन्मुख => विमुख
उन्नत => अवनत
उद्दत => विनीत
उपमान => उपमेय
उपत्यका => अधित्यका
उत्तरायण => दक्षिणायन
उन्मूलन => रोपण
उष्ण => शीत
उदयाचल => अस्ताचल
उपयुक्त => अनुपयुक्त
उच्च => निम्न
एड़ी => चोटी
ऐहिक => पारलौकिक
औचित्य => अनौचित्य
एक => अनेक
एकत्र => विकीर्ण
एकता => अनेकता
एकाग्र => चंचल
ऐतिहासिक => अनैतिहासिक
औपचारिक => अनौपचारिक
ऋजु => वक्र
ऋत => अनृत
कटु => सरल
कनिष्ट => जयेष्ट
कृष्ण => शुक्ल
कुटिल => सरल
कृत्रिम => अकृत्रिम
करुण => निष्ठुर
कायर => वीर
कुलीन => अकुलीन
क्रय => विक्रय
कल्पित => यथार्थ
कृतज्ञ => कृतघ्न
कोप => कृपा
क्रोध => क्षमा
कृश => स्थूल
क्रिया => प्रतिक्रिया
खण्डन => मण्डन
खरा => खोटा
खाद्य => अखाद्य
गुप्त => प्रकट
गरल => सुधा
गम्भीर => वाचाल
गुरु => लघु
गौरव => लाघव
गोचर => अगोचर
गुण => दोष
ग्राम्य => नागर
घृणा => प्रेम
चिरंतन => नश्वर
चल => अचल
चंचल => अचंचल
चिर => अचिर
जीवन => मरण
जाग्रत => सुप्त
जंगम => स्थावर
जागरण => सुषुप्ति
ज्योति => तम
तरुण => वृद्ध
तृप्त => अतृप्त
तृष्णा => तृप्ति
तीक्ष्ण => कुंठित
दण्ड => पुरस्कार
दानी => कृपण
दुरात्मा => महात्मा
देव => दानव
दिन => रात
धृष्ट => विनीत
निरर्थक => सार्थक
निर्दय => सदय
निषिद्ध => विहित
नैसर्गिक => कृत्रिम
निष्काम => सकाम
परतन्त्र => स्वतन्त्र
प्राचीन => नवीन
प्राची => प्रतीची
प्रभु => भृत्य
प्रसाद => अवसाद
पूर्ववर्ती => परवर्ती
पाश्चात्य => पौवार्त्यबंजर => उर्वर
भला => बुरा
भूत => भविष्य
मुख्य => गौण
मनुज => दनुज
मूक => वाचाल
मन्द => तीव्र
मौखिक => लिखित
योगी => भोगी
युद्ध => शान्ति
योग्य => अयोग्य
राजा => रंक
रक्षक => भक्षक
रुग्ण => स्वस्थ
रुदन => हास्य
रिक्त => पूर्ण
लौकिक => अलौकिक
लम्बा => चौड़ा
व्यास => समास
विख्यात => कुख्यात
विधि => निषेध
विपन्न => सम्पन्न
विपदा => सम्पदा
वृष्टि => अनावृष्टि
शासक => शासित
शिष्ट => अशिष्ट
शिख => नख
श्याम => श्वेत
शोक => हर्ष
शोषक => पोषक
सत्कार => तिरस्कार
संक्षेप => विस्तार
सूक्ष्म => स्थूल
संगठन => विघटन
संयोग => वियोग
सुमति => कुमति
सत्कर्म => दुष्कर्म
सामिष => निरामिष
स्मरण => विस्मरण
संसदीय => असंसदीय
सृजन => संहार
क्षय => अक्षय
क्षुद्र => विराट
ज्ञेय => अज्ञेय
स्वीकृति => अस्वीकृति
भौतिक => आध्यात्मिक
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
इसका अर्थ यह है कि जिसमें अनेक शब्दों के लिए एक शब्द का प्रोग किया जाता है।
उदाहरण:-
वह स्त्री ===> सधवा
जिसने अभी-अभी स्नान किया हो ===> सद्य स्नात
जिसने अभी-अभी बच्चे को जन्म दिया हो ===> सद्य प्रसूता
न बहुत ठंडा न बहुत गरम हो ===> समशीतोष्ण
वर्तमान समय या ठीक समय पर होने वाला ===> सामयिक
जो सबके मन की बात जनता हो ===> अंतर्यामी
जो कुछ नहीं जनता हो ===> अज्ञानी
जो मापा न जा सके ===> अपरिमेय
जो पीने योग्य न हो ===> अपेय
जिसको भेदा न जा सके ===> अभेद्य
जिसको भेदा न जा सके ===> अभेद्य
जो कम जनता हो ===> अल्पज्ञ
जो कम बोलता हो ===> अल्पभाषी
जो विधान के अनुसार न हो ===> अवैधानिक
जो गुण-दोष का विवेचन करता हो ===> आलोचक
जो मृत्यु के समीप हो ===> आसन्नमृत्यु
सिरे से पाँव तक ===> आपादमस्तक
आरंभ से लेकर अंत तक ===> आद्योपात
अपनी हानी स्वयं करने वाला ===> आत्मघाती
जो अतिथि का सत्कार करता है ===> मेजबान
जिसका सम्बन्ध आत्मा से हो ===> आध्यात्मिक
जिसकी दोनों में निष्ठा हो ===> उभयनिष्ठ
जो इंद्रियों से संबन्धित हो ===> एन्द्रिय
जो व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता हो ===> ऐच्छिक
दूसरों के मत का विरोध करना ===> खंडन
जो क्षमा करने वाला हो ===> क्षमाशील
जो छिपाने योग्य हो ===> गोपनीय
जो घृणा का पात्र हो ===> घृणित
खाने के योग्य वस्तु ===> खाद्य
जो अशिष्ट व्यवहार करता हो ===> गँवार
जिसका अर्थ स्वयं ही सिद्ध है ===> सिदधार्थ
जो बोल नहीं सकता ===> गूँगा
ज़िम्मेदारी पूरी न करने वाला ===> गेर-जिम्मेदार
चौथे दिन आने वाला ज्वार ===> चौथिया
जो पदार्थ घुलने योग्य हो ===> घुलनशील
लंबे समय तक जीने वाला ===> चिरंजीवी
चिंता करने योग्य बात ===> चिंतनीय
जो इस लोक से संबन्धित हो ===> ऐहिक
जो भूख मिटाने के लिए बेचेन हो ===> क्षुधातुर
भूख से पीड़ित ===> क्षुधार्त
दूसरों के मत का विरोध करना ===> खंडन
जो पदार्थ घुलने योग्य हो ===> घुलनशील
मुहावरा
'मुहावरा' शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है- अभ्यास।
मुहावरा अतिसंक्षिप्त रूप में होते हुए भी बड़े भाव या विचार को प्रकट करता है। जबकि 'लोकोक्तियों' को
'कहावतों' के नाम से भी जाना जाता है।
कुछ मुहावरे और उनके अर्थ तथा वाक्य में प्रयोग सहित निम्नलिखित है|
1. अक्ल का दुश्मन - (मूर्ख)
प्रयोग - आजकल तुम अक्ल के दुश्मन हो गए हो।
2. आँखे खुलना - सचेत होना
प्रयोग- ठोकर खाने के बाद ही बहुत से लोगों की आँखें खुलती हैं।
3. आसमान से बातें करना - बहुत ऊँचा होना
प्रयोग- आजकल ऐसी ऐसी इमारते बनने लगी है ,जो आसमान से बातें करती है।
4. ईंट से ईंट बजाना - पूरी तरह से नष्ट करना
प्रयोग- राम चाहता था कि वह अपने शत्रु के घर की ईंट से ईंट बजा दे।
5. आँख दिखाना - गुस्से से देखना
प्रयोग - जो हमें आँख दिखाएगा, तो हम उसकी आँखें फोड़ देगें।
6. आँख खुलना - होश आना
प्रयोग- जब लोगो ने उसकी सारी संपत्ति हड़प ली तब उसकी आँखें खुलीं।
7. आँखों का काटा - अप्रिय व्यक्ति
प्रयोग - अपनी कुप्रवृत्तियों के कारण सीता पिताजी की आँखों का काँटा बन गयी।
8. उड़ती चिड़िया पहचानना – रहस्य की बात दूर से जान लेना
प्रयोग - वह इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती।
9. उन्नीस बीस का अंतर होना – बहुत कम अंतर होना
प्रयोग - राम और श्याम की पहचान कर पाना बहुत कठिन है ,क्योंकि दोनों में उन्नीस बीस का ही अंतर है।
10. उलटी गंगा बहाना – अनहोनी हो जाना
प्रयोग - राम किसी से प्रेम से बात कर ले ,तो उलटी गंगा बह जाए।
11. घर करना- बस जाना
प्रयोग - मधुमक्खियां एकबार जहाँ घर करते हैं उस जगह को वे कभी नहीं भूलते।
12. अंगूठा चुमना- खुसामत करना
प्रयोग - हमेशा दूसरों के अंगूठा चुमने वाले अपना स्वाभिमान खो देते है।
13. पीठ ठोकना- शाबाशी देना
प्रयोग - परीक्षा में प्रथम स्थान पाने के लिए शिक्षक ने रवि की पीठ ठोकी।
14. अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना- अपनी हानि अपने करना
प्रयोग - पढ़ाई से जी चुराने वाले विद्यार्थी अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारते हैं।
15. आवाज़ उठाना -विरोध करना
प्रयोग - अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
16. कमर कसना -तैयार करना
प्रयोग - कमर कस लो, पता नहीं, कब शत्रुओं से लोहा लेना पड़े।
17. आँख फेर लेना - प्रतिकूल होना
प्रयोग - प्रिया ने आजकल मेरी ओर से आँखें फेर ली हैं।
18. आँख बिछाना - प्रतीक्षा करना
प्रयोग - प्रिया गुप्ता जिधर जाती है उधर ही लड़के उसके लिए आँखें बिछाए खड़े होती है।
19. आँखें सेंकना - सुंदर वस्तु को देखते रहना
प्रयोग - आँख सेंकते रहोगे या कुछ करोगे भी|
20. ओले पड़ना – विपत्ति आना
प्रयोग – देश में अनावृष्टि हो रही है सच में अब तो चारों और से सिर पर ओले ही पड रहे है|
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