Saturday 7 March 2020

Chemistry ( रसायन विज्ञान ) notes for class 11 / 12 / competitive exam like JEE main , JEE Advance , BITSAT ,MHTCET , EAMCET , KCET , UPTU in hindi Part-6


Extremely Useful for the students studying in Class 11 and 12 also for those who preparing for the competitive exam like JEE main , JEE Advance , BITSAT ,MHTCET , EAMCET , KCET , UPTU (UPSEE), WBJEE , VITEEE , CBSE PMT , AIIMS , AFMC ,CPMT and all other Engineering and Medical Entrance Exam



रसायन विज्ञान सामान्य ज्ञान - 2






















91. हीलियम को छोड कर अन्य सभी अक्रिय गैसों की बाह्यतम् कक्षा में 8 इलेक्ट्रान होते हैं | हीलियम मे इलेक्ट्रानों की संख्या 2 होती है | 

92. किसी परमाणु का प्रतीक X है, इसके द्वारा 2 इलेक्ट्रान ग्रहण किये जाने पर बना आयन X2- होगा | 

93. धनायन इलेक्ट्रान त्यागने से बनता है, तथा ऋणायन इलेक्ट्रान ग्रहण करने से बनता है | 

94. सह-संयोजक बंध इलेक्ट्रानों के साझा द्वारा बनता है | 

95. रासायनिक अभिक्रियाओं मे समस्त अभिकर्मकों का सम्पूर्ण द्रव्यमान, समस्त उत्पादों के सम्पूर्ण द्रव्यमान के बराबर होता है | अर्थात किसी भी रासायनिक अभिक्रिया मे द्रव्यमान का क्षरण नही होता है | 

96. किसी भी रासायनिक अभिक्रिया मे पदार्थ न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता है, इसे ही द्रव्य संरक्षण या द्रव्य की अविनाशिता का नियम कहते हैं | 

97. किसी भी पदार्थ के एक ग्राम अणु में अणुओं की संख्या समान होती है, इस संख्या को आवेगाद्रो संख्या कहते हैं | 

98. मोल पदार्थ की मात्रा का एस. आई. मात्रक है | अम्ल, क्षार, लवण तथा कार्बनिक रसायन : 

99. क्षारकता अम्ल का गुण होता है | 

100. अम्लता क्षारक का गुण होता है | 

101. किसी घोल का PH मान 7 से कम हो तो वह अम्लीय होता है | 

102. किसी घोल का PH मान 7 से अधिक हो तो वह क्षारीय होता है | 

103. किसी घोल का PH मान 7 के बराबर या शून्य हो तो वह उदासीन होता है | 

104. वर्षा के जल का PH मान 5.6 से कम हो जाता है तो वह अम्लीय वर्षा कहलाती है | 

105. लिटमस पेपर अम्लीय विलयन में नीला तथा क्षारीय विलयन में लाल हो जाता है | 

106. खाना पचाने मे HCL अम्ल का उपयोग होता है | 

107. नाइट्रिक अम्ल का प्रयोग सोना एवं चांदी के शुद्धीकरण मे होता है | 

108. कपडे से जंग के धब्बे हटाने के लिये आक्जैलिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है | 

109. वैसा भस्म जो जल मे विलेय हो क्षार कहलाता है | 

110. खाने का सोडा या सोडियम बाई-कार्बोनेट पेट की अम्लीयता को दूर करने मे एवं अग्नि शामक यंत्रों मे प्रयोग किया जाता है | 

111. पोटैशियम नाइट्रेट का उपयोग बारूद बनाने में होता है | 

112. कैल्शियम हाइड्रोआक्साइड का उपयोग : 
i.घरों मे चूना पोतने में 
ii.गारा एवं प्लास्टर बनाने में 
iii.ब्लिचिंग पाउडर बनाने में 
iv.चमडा के उपर बाल साफ करने में 
v.जल को मृदु बनाने में 
vi.अम्ल से जलने पर मरहम पट्टी करने में 

113. कास्टिक सोडा या सोडियम हाइड्रोआक्साइड का उपयोग : 
i. साबुन बनाने में 
ii. पेट्रोलियम साफ करने में 
iii. दवा बनाने में 
iv. कपडा एवं कागज बनाने में 
v. कारखानों को साफ करने में 

114. सल्फर डाईआक्साइड का उपयोग : 
i. बर्फ बनाने में 
ii. प्रशीतक के रूप में 
iii. ऊन, रेशम आदि के रंग उडाने में 
iv. चीनी को रंग हीन एवं शुद्ध करने मे किया जाता है | 

115. अमोनिया का उपयोग : 
i. ऊर्वरक बनाने में 
ii. अश्रु गैस बनाने में 
iii. विस्फोटक बनाने में 
iv. कृत्रिम रेशम बनाने में 

116. बेकिंग सोडा (खाने का सोडा) या सोडियम बाई कार्बोनेट का उपयोग: 
i. अग्नि शामक यंत्रों मे 
ii. बेकरी उद्योगों में 
iii. प्रतिकारक के रूप में 
iv. सोडा वाटर बनाने में 
v. शीतल पेय बनाने में 
vi. डबल रोटी बनाने में 

117. नौसादर या अमोनियम क्लोराइड का उपयोग : 
i. रंगाई तथा प्रिंटिंग में 
ii. ऊर्वरक तथा अमोनिया के निर्माण में 
iii. औषधि निर्माण में 

118. पोटाश फिटकरी या पोटैशियम ऐलुमिनियम सल्फेट का उपयोग : 
i. जल को शुद्ध करने में 
ii. कपडे की रंगाई में 
iii. चमडा उद्योग में 
iv. दाढी बनाने के बाद कटे स्थान पर रूधिर रोकने में 
v. जीवाणु नाशक तथा आंख की दवा बनाने में 

119. मेथेन का उपयोग : 
i. क्लोरोफार्म बनाने में 
ii. टायर एवं पेंट के निर्माण में होता है | 

120. एथिलीन अथवा एथीन का उपयोग : 
i. मस्टर्ड गैस बनाने में 
ii. निश्चेतक के रूप में 
iii. कच्चे फलों को पकाने तथा उनके संरक्षण में 

iv. संश्लेषित रबड तथा पालीथीन बनाने में होता है | 

121. आयोडीन का उपयोग : 
i. किटाणु नाशक के रूप में 
ii. औषधि उत्पादन के में 
iii. रंग उद्योग में 

122. सल्फर का उपयोग : 
i. किटाणु नाशक के रूप में 
ii. बारूद बनाने में 
iii. औषधि के रूप में 

123. फास्फोरस का उपयोग : 
i. लाल फास्फोरस का उपयोग दियासलाई बनाने में 
ii. श्वेत फास्फोरस का उपयोग चूहा मारने की दवा बनाने में 

124. प्रोड्यूसर गैस का उपयोग : 
i. भट्ठी गर्म करने में 
ii. सस्ते ईंधन के रूप में 
iii. धातु निष्कर्षण में 

125. वाटर गैस का उपयोग : 
i. ईंधन के रूप में 
ii. वेल्डिंग के कार्य में 

126. कोल गैस का उपयोग : 
i. ईंधन के रूप में 
ii. निष्क्रिय वातावरण तैयार करने में 

127. कार्बन डाई-आक्साइड का उपयोग : 
i. सोडा वाटर बनाने में 
ii. आग बुझाने में 
iii. हार्ड स्टील के निर्माण में 

128. ग्रेफाइट का उपयोग : 
i. इलेक्ट्रोड बनाने में
ii. स्टोव की रंगाई में 
iii. लोहे से बने पदार्थ पर पालिश में 

129. हीरा का उपयोग : 
i. आभूषण निर्माण में
ii. कांच काटने में

130. एल्युमिनियम सल्फेट का उपयोग : 
i. कागज उद्योग में 
ii. कपडों की छपाई में 
iii. आग बुझाने में 

131. मरकरी का उपयोग : 
i. थर्मामीटर बनाने में 
ii. सिंदूर बनाने में 

132. ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग :
i. कीटनाशक के रूप में
ii. कागज तथा कपडों के विरंजन में
iii. क्लोरोफार्म के उत्पादन में 

133. कैल्शियम कार्बोनेट का उपयोग :
i. चूना बनाने में
ii. टूटपेस्ट बनाने में
iii. सीमेंट बनाने में 

134. कापर का उपयोग : 
i. बिजली के तार बनाने में

ii. बर्तन बनाने में 

135. भारी जल का उपयोग न्यूक्लीयर प्रतिक्रियाओं मे होता है | 

136. हाइड्रोजन का उपयोग अमोनिया के उत्पादन मे होता है | 

137. द्रव हाइड्रोजन का उपयोग राकेट ईंधन मे होता है | 

138. पोटैशियम परमैग्नेट का उपयोग जल को कीटाणु रहित करने में किया जाता है | इसे लाल दवा के नाम से भी जाना जाता है | 

139. मग्नीज स्पात का उपयोग हेलमेट तथा अभेद्य तिजोरी बनाने मे किया जाता है | 

140. कोबाल्ट स्पात का प्रयोग चुम्बक बनाने में किया जाता है | 

141. ओजोन आक्सीजन का एक अपरूप है, यह सूर्य से आने वाली पराबैगनी किरणों को कम करती है | 

142. नाइट्रोजन का उपयोग वहां करते हैं जहां किसी निष्क्रिय गैस की आवश्यकता होती है | 

143. द्रव नाइट्रोजन का उपयोग जैव पदार्थों के लिए प्रशीतक के रूप में, भोज्य पदार्थों को जमाने एवं निम्न ताप पर शल्य चिकित्सा के लिए किया जाता है | 

144. दलहनी पौधों की जडों मे राइजोबियम नामक जीवाणु पाए जाते हैं, जो नाइट्रोजन स्थिरिकरण में भाग लेते हैं | 

145. फास्फोरस प्राणी तथा बनस्पति पदार्थों का आवश्यक अवयव है, यह हड्डियों तथा जीव कोशिकाओं (DNA)में उपस्थित होता है | 

146. भारी जल 3.8C पर जमता है | 

147. अस्थायी कठोरता : जल की अस्थायी कठोरता उसमे कैल्शियम और मैग्निशियम के बाई कार्बोनेट घुले रहने के कारण होता है | इस कठोरता को जल को उबालकर एवं बूझा चूना अथवा दुधिया डालकर दूर किया जा सकता है | 

148. स्थायी कठोरता : जल की स्थाई कठोरता उसमे कैल्शियम और मैग्निशियम के सल्फेट, क्लोराइट, नाइट्रेट आदि लवणों के घुले होने के कारण होती है | जल की स्थायी कठोरता को दूर करने की मुख्य विधि परम्यूटिट विधि है | जल मे सोडियम कार्बोनेट डालकर उबालने से स्थायी एवं अस्थायी दोनों प्रकार की कठोरता दूर हो जाती है | 

149. दलदलों से निकलने वाली गैस को मीथेन या मार्श गैस कहते हैं | धातु एवं अधातु : 

150. धातु को धन विद्युती तत्व कहते हैं | उदाहरण: सोना,चांदी, तांबा, सोडियम, पोटैशियम, पारा इत्यादि | 

151. अधातु को ऋण विद्युती तत्व भी कहते हैं | उदाहरण: गंधक, कार्बन, आक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, फास्फोरस इत्यादि | 

152. अयस्क मे मिले अशुद्ध पदार्थ को गैंग कहते है | 

153. लोहे मे जंग लगना रासायनिक परिवर्तन का उदाहरण है | 

154. जंग लगने से लोहे का भार बढ जाता है | लोहे मे जंग लगने से बना पदार्थ फेरिसोफेरिक आक्साइड होता है | 

155. टंगस्टन तंतु के उपचयन को रोकने के लिए विजली के बल्ब से हवा निकाल दी जाती है | 

156. प्लेटिनम सबसे कठोर धातु है | 

157. चांदी एवं तांबा विद्युत धारा का सर्वोत्तम चालक हैं | 

158. सोडियम पराक्साइड का उपयोग पनडुब्बी जहाजों तथा अस्पतालों आदि की बंद हवा को शुद्ध करने मे होता है | 

159. कैडमियम का प्रयोग नाभिकीय रिएक्टरों मे न्यूट्रान मंदक के रूप मे, संग्राहक बैट्रीयों मे तथा निम्न गलनांक की मिश्र धातु बनाने में होता है 

160. गैलियम धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था मे होता है | 

161. नाइक्रोम; निकिल, क्रोमियम और आयरन का मिश्र धातु है | 

162. फ्लैश बल्बों में नाइट्रोजन गैस के वायु मण्डल मे मैग्निशियम का तार रखा होता है | 

163. पिटवा लोहा में कार्बन की मात्रा सबसे कम होती है, अत: यह अपेक्षाकृत शुद्ध होता है | 

164. मानव शरीर में तांबा की मात्रा मे वृद्धि होने विल्सन नामक रोग हो जाता है | 

165. सिल्वर आयोडाइड का उपयोग कृत्रिम वर्षा कराने मे होता है | 

166. सिल्वर नाइट्रेट का उपयोग निशान लगाने वाली स्याही बनाने मे होता है | मतदान के समय इसी से निशान लगाया जाता है | 

167. सिल्वर ब्रोमाइट का प्रयोग फोटोग्राफी मे होता है | 

168. प्लेटिनम को सफेद सोना कहा जाता है | 

169. ट्यूबलाइट मे समान्यत: पारा का वाष्प और आर्गन गैस भरी रहती है | 

170. विद्युत उपकरणों मे प्रयुक्त होने वाला फ्यूज तार लेड और टिन से बना मिश्र धातु होता है | 

171. प्लूटोनियम एक भारी रेडियोसक्रिय धातु है, इसका उपयोग परमाणु बम बनाने में होता है | हिरोशिमा एवं नागासाकी पर गिराये गए बम इसी के बने थे | 

172. अधातुएं सामान्यत: उष्मा का एवं विद्युत का कुचालक होती हैं,इसका अपवाद ग्रेफाइट है | 

173. हीरा के प्रमुख गुण: 
i. यह ताप एवं विद्युत का कुचालक होता है | 
ii. यह सबसे ठोस पदार्थ है, इस पर अम्ल एवं क्षार का प्रभाव नही पडता है | 
iii. इसका अपवर्तनांक 2.417 होता है, अत: यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण बहुत अधिक चमकता है | इस पर रेडियम से निकलने वाली X किरणों के पडने पर यह हरा रंग प्रदर्शित करता है | 
iv. शुद्ध हीरा पारदर्शक एवं रंगहीन होता है | 
v. कुछ हीरे काले होते हैं; जिन्हे बोर्ट कहते हैं, इसका प्रयोग शीशा काटने मे किया जाता है | 

174. ग्रेफ़ाइट के गुण : 
i. यह विद्युत का सुचालक होता है | 
ii. इसे काला शीशा भी कहते हैं | 
iii. इसका उपयोग पेंसिल बनाने, परमाणु भट्ठी में इलेक्ट्रोड के रूप में एवं कार्बन पेपर बनाने मे किया जाता है | 

175. थर्मोप्लास्टिक :
यह गर्म करने पर मुलायम तथा ठण्डा करने पर कठोर हो जाता है | यह गुण इसमे सदैव रहता है | उदाहरण: पालीथीन, नायलान, पालीवाइनिल क्लोराइड आदि | 

176. थर्मोसेटिंग प्लास्टिक :

इसे पहली बार गर्म करने पर मुलायम हो जाता है; लेकिन पुन: गर्म करने पर मुलायम नहीं होता है | उदाहरण: बैकेलाइट तथा मेलामाइन | 

177. प्राकृतिक रबर आइसोप्रीन का बहुलक होता है | यह थर्मो प्लास्टिक होता है | 

178. रबर आसानी से कार्बन डाई आक्साइड मे घुल जाता है | 

179. प्राकृतिक रबर काफी मुलायम होता है, इसे कठोर बनाने के लिये इसमे कार्बन मिलाया जाता है | 

180. थाइकाल रबर को आक्सीजन मुक्त करने वाले रसायनों के साथ मिलाकर राकेट इंजनों मे ठोस ईंधन के रूप मे प्रयोग किया जाता है | 

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