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रसायन विज्ञान सामान्य ज्ञान - 4
रसायन विज्ञान सामान्य ज्ञान - 4
301. दूध मे लैटिक अम्ल पाया जाता है |
302. फलों के रसों मे एसीटिक अम्ल पाया जाता है |
303. इमली मे टारटेरिक अम्ल पाया जाता है |
304. ओजोन गैस चांदी की चमक को काला कर देती है |
305. सोने के आभूषण बनाते समय उसमें तांबा मिलाया जाता है |
306. प्रोड्यूसर गैस या वायु अंगार गैस नाइट्रोजन एवं कार्बन मोनो आक्साइड गैस का मिश्रण होती है |
307. इलेक्ट्रान त्यागने की क्रिया को आक्सीकरण तथा ग्रहण करने की क्रिया को अवकरण कहते हैं |
308. लैंपो व ट्यूबों में नियान गैस भरी जाती है |
309. विद्युत का सबसे अच्छा चालक चांदी है |
310. शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है |
311. कृत्रिम वर्षा के लिए सिल्वर आयोडाइड का प्रयोग किया जाता है |
312. अम्ल वर्षा के लिए उत्तरदायी गैसें SO2 एवं NO2 हैं |
313. लोहे मे जंग लगने के लिए आक्सीजन एवं नमी उत्तरदायी है |
314. रबर को कठोर बनाने के लिए उसमें कार्बन या सल्फर मिलाते हैं |
315. फास्फोरस हवा मे जल उठता है इसी कारण इसे जल मे डूबाकर रखा जाता है |
316. कृत्रिम सुगंध बनाने के लिए एथिल एसिटेट का प्रयोग किया जाता है |
317. बर्तनों मे कलई करने के लिए अमोनियम क्लोराइड का प्रयोग किया जाता है |
318. आदर्श गैस का समीकरण PV=nRT होता है |
319. कपूर को उर्ध्वपातन विधि द्वारा शुद्ध किया जाता है |
320. चश्मे का लेंस कुक्स कांच का बना होता है |
321. सबसे हल्का तत्व हाइड्रोजन है |
322. हवा का वाष्प घनत्व 14.4 होता है |
323. फिटकरी एवं शोरा में नाइट्रिक अम्ल पाया जाता है |
324. सोडा वाटर एवं अन्य पेय में कार्बोलिक अम्ल पाया जाता है |
325. यूरिया का रासायनिक नाम कार्बामाइड (CO(NH2)2 है |
326. सडी मछली जैसी गंध ओजोन गैस से आती है |
327. प्रकृति मे सर्वदा मुक्त अवस्था में पाई जाने वाली धातु सोना है |
328. पालीथीन एथिलीन के बहुलीकरण से प्राप्त होती है |
329. गोताखोर सांस लेने के लिए आक्सीजन एवं हीलियम गैसों के मिश्रण का प्रयोग करते हैं |
330. एन्थ्रासाइट कोयले में सर्वाधिक कार्बन की मात्रा होती है । बिटुमिनस कोयला विश्व में सर्वाधिक पाया जाता है। पीट कोयला सबसे निम्न कोटि का कोयला है।
332. पारा, पारदित समिश्रित में अनिवार्य रूप से सम्मलित होता है ।
333. कार्नेलाइट मैग्निशियम का खनिज है।
334. गन मैटल , ताँबा, टिन और जिंक का मिश्रधातु है।
335. हेमेटाइट लौह अयस्क होता है ।
336. चुना और कोयले का प्रयोग लौह अयस्क को प्रगलित करने में होता है ।
337. चीटियां काटती है तो वे फोर्मिक अम्ल अन्तःक्षेपित करती है ।
338. मिथाइल एल्कोहल पीने से अन्धता आती है।
339. फोटो ग्राफी में ‘‘स्थायीकर‘‘ के रूप में सोडियम थायोसल्फेट प्रयोग होता है ।
340. पानी आयनिक लवण का सुविलायक है क्योकि उसका द्विध्रुव आघुर्ण अधिक है।
341. सिरका एसिटिक अम्ल का जलीय विलयन है ।
342. सोडियम क्लोराइड लवणो का सागरीय जल की लवणता में अधिकतम योगदान होता है ।
343. लैक्टिक अम्ल, दूध में पाया जाता है।
344. साइट्रिक अम्ल , नीबू में पाया जाता है।
345. ब्यूटाइरिक अम्ल, खराब मक्खन में पाया जाता है।
346. जल में अमोनिया आसानी से घुल जाता है।
347. भारी जल एक प्रकार का मन्दक है।
348. कठोर जल साबून से कपडे धोने और बॉयलर्स में प्रयोग के लिये उपयुक्त नही होता है।
349. फोटोग्राफी रंगीन फोटो फिल्म को साफ करने में आक्जैलिक अम्ल प्रयोग किया जाता है।
350. पानी का भारीपन सोडियम और मैग्निशियम के सिलिकेटो के कारण होता है।
351. लहसुन और प्याज में आने वाली तीक्ष्ण गन्ध उनमे पौटैशियम की उपस्थिति के कारण आती है।
352. पनीर एक जेल (Gel) का उदाहरण है।
353. फलों के रस में मैलिक अम्ल पाया जाता है।
354. अम्लीय स्त्रवण जठर की विशिष्ठता है।
355. ऑक्जैलिक अम्ल का प्रयोग दाग निकालने में किया जाता है।
356. रासानियक तत्व के अणु के सन्दर्भ में चुम्बकिय क्वाण्टम संख्या का सम्बंध अभिविन्यास से है।
357. जर्मन सिल्वर में निकिल , क्रोमियम और तॉबे का मिश्रण होता है ।
358. वाहनों से निकलने वाले धुऐं में सीसा एक प्रमुख हानिकारक तत्व है इससे मानसिक रोग होता है।
359. ब्लीचिंग पाउडर में क्लोरीन तथा हाइपो में सोडियम होता है।
360. लोहे के साथ क्राे मयम मिलाने पर उसमें उच्चताप का प्रतिरोध करने की क्षमता और उच्च कठोरता एवं अपघर्षण प्रतिरोधकता आ जाती है।
362. प्राकृतिक रबड़ आइसोप्रीन का बहुलक है। प्राकृतिक रबड़ लैटेक्स ( दूध ) के रूप में पेड़ों से निकाली जाती है।
363. स्टेनलेस स्टील बनाने के लिए निकिल और क्रोमियम को प्रयोग किया जाता है।
364. कच्चा लोहा, मृदुइस्पात, ढलवा लोहा में कार्बन तत्व अवरोही क्रम (बढते क्रम्) में उपस्थित होते हैं।
365. कांसा, तांबा एवं टिन का मिश्रण है।
366. अमोनिया एक रासायनिक यौगिक है।
367. टैफलॉन तथा डेक्रॅान, प्लास्टिक के वहुलक है
368. नियोप्रीन संश्लेषित रबड़़ है।
369. पॉलिथीन , एथिलीन का बहुलक है
370. कोयला तथा हाइड्रोकार्बन को दहन करने पर उत्पन्न प्रदुषण कार्बनमोनोऑक्साइड तथा कार्बनडाईऑक्साइड के मिश्रण होता है।
371. प्राकृतिक रबड़ को अधिक मजबूत तथा प्रत्यास्थ बनाने के लिए उसमें सल्फर मिलाया जाता है।
372. कैल्शियम सल्फेट उर्वरक नहीं है।
373. लोहा पारे के साथ मिलकर अमलगम (मिश्रधातु) नही बनाता है इसलिए पारे को लोहे के पात्र में रखा जाता है। शेष सभी धातुएं पारे के साथ अमलगम (मिश्रधातु) बनाती है।
374. हैलोजन गैसों में सबसे अभिक्रियाशील गैस फ्लोरीन होती है।
375. ऑक्सीजन एक अनुचुम्बकीय तत्व है।
376. हाइड्रोजन का ईधनमान सर्वाधिक होता है।
377. स्ट्रीट लाइट के बल्ब में सोडियम का प्रयोग होता है।
378. हीमोग्लोबीन में आयरन, क्लोरोफिल में मैग्निशियम, पीतल में ताँबा एवं विटामिन बी12 में कोबाल्ट उपस्थित होता है।
379. प्लेटिनम सबसे कठोर धातु होती है।
380. हीरा स्वयं में एक मूल तत्व होता है (अर्थात, कार्बन)।
381. पेंसिल में लिखने में प्रयोग होने वाला लेड, ग्रेफाइट का बना होता है।
382. फ्यूज में प्रयोग होने वाला तार उच्च प्रतिरोध शक्ति तथा निम्न गलनांक का होता है।
383. जस्ता एक विद्युत अचुम्बकीय पदार्थ है।
384. हीलियम गैस ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया नही करती है।
385. अग्निशमन यन्त्र में कार्वनडाई ऑक्साइड गैस का प्रयोग किया जाता है।
386. लोहे पर कलई चढाने के लिए जस्ते का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया को यशदलेपन (गैल्वनाइजेशन) कहते हैं।
387. आयनिक यौगिक एल्कोहल में अविलेय होते है।
388. एल्युमिनियम चुम्बक के द्वारा आकर्षित नही होती है।
389. पृथ्वी पर लगभग 100 प्रकार के रासायनिक तत्व पाये जाते है।
390. सर्वाधिक स्थायी तत्व ऑक्सीजन है।
392. नाइक्रोम एक ऐसा पदार्थ है जो बहुत कठोर तथा बहुत तन्य है।
393. एसिटिलीन का प्रयोग बैल्डिंग उद्योग तथा प्लास्टिक निर्माण करने में प्रयुक्त की जाती है (इसका प्रयोग फलों को सुरक्षित रखने में किया जाता है)
394. एथिलीन का प्रयोग कृत्रिम रूप से फलों को पकाने के लिए किया जाता है।
395. टॉर्चलाइट , विद्युत क्षुरक (शेवर) आदि साधनों में प्रयुक्त बैटरी में सीसा परऑक्साइड और सीसा इलैक्ट्रोड के रूप में प्रयुक्त होता है।
396. कार्बनडाइऑक्साइड को 'शुष्क बर्फ' (ड्राई आइस) भी कहा जाता है।
397. कैंसर के उपचार में कोबाल्ट-60 का प्रयोग किया जाता है।
398. रक्त रोगों के उपचार को ‘‘जीन थैरपी ‘‘ कहा जाता है।
399. क्रायोजेनिक्स, अतिनिम्नताप का विज्ञान है। -273 डिग्री सेल्सियस को परमशून्य ताप भी कहा जाता है।
400. आर0डी0एक्स0 एक विस्फोटक है।
401. खाद्य पदार्थ के परिरक्षण हेतु बेंजोइक अम्ल प्रयोग किया जाता है।
402. फ्लोरोसेन्ट ट्यूब (प्रतिदिप्ति बल्ब या ट्यूब लाइट ) में नियॉन गैस भरी जाती है।
403. सामान्य ट्यूब लाइटों में नियॉन के साथ सोडियम वाष्प होती है।
404. एल0 पी0 जी0 में मुख्यतः ब्यूटेन गैस होती है।
405. नाइट्रोक्लोरोफॉर्म विस्फोटक नही है।
406. आर्सेनिक-74 ट्यूमर, केबाल्ट-60 कैंसर , आयेडिन-131 थायरॉयड ग्रन्थि की सक्रियता, सोडियम-24 रक्त व्यतिक्रम में प्रयोग किया जाता है।
407. बोरोन कार्बाइड व्यापक रूप से हीरे के पश्चात् सबसे कठोर पदार्थ के रूप में प्रयुक्त होता है।
408. एसिटिक एसिड (सिरका) बनाने के लिए शीरा अति उत्तम कच्चा माल है।
409. फ्लिन्ट कॉच का उपयोग कैमरा एवं दूरबीन के लैंस व विधुत बल्ब, पाइरेक्स कॉच का उपयोग प्रयोगशाला के उपकरण आदि, क्रुक्स कॉच का उपयोग धूप चश्मों के लेंस तथा पोटाश कॉच का उपयोग ट्यूब लाइट, बोतलें व दैनिक प्रयोग के बर्तन में किया जाता है।
410. ब्लीचिंग चूर्ण का प्रयोग मुख्य रूप से जल को विसंक्रमित करने के लिए होता है।
411. अम्ल अथवा क्षार के परीक्षण के लिए लिटमस पेपर का प्रयोग किया जाता है। जब लिटमस पेपर लाल से नीला हो जाता है तो क्षार होता है एवं नीले से लाल हो जाता है तो अम्ल होता है।
412. एप्सम लवण का प्रयोग सारक (शोधक) के रूप में होता है।
413. नीला थोथा को कॉपर सल्फेट कहते हैं।
414. एप्सम सॉल्ट को मैग्निशियम सल्फेट कहते हैं।
415. बेकिंग सोडा को सोडियम बाईकार्बोनेट कहते हैं।
416. कास्टिक सोडा को सोडियम हाइड्राक्सॉइड कहते हैं।
417. चूना पत्थर का रासायनिक नाम कैल्सियम कार्बोनेट है।
418. ऑक्सीजन तथा भारी हाइड्रोजन के यौगिक को गुरूजल कहते हैं।
419. हाइपो का रासायनिक नाम है सोडियम थायोसल्फेट है, यह जो फोटोग्राफी में प्रयोग किया जाता है।
420. मैग्निशियम हाइड्रोक्साइड को मिल्क ऑफ मैग्निशिया कहते हैं।
422. पेनिसिलीन की खोज अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने की थी ।
423. एक्स रे की खोज डब्ल्यू के0 रोन्टजन ने की थी ।
424. माणिक्य तथा कोरन्डम एल्यूमिनियम के अयस्क होते है।
425. बालू सिलिकन का अयस्क होता है।
426. संगमरमर कैल्सियम से प्राप्त होता है।
427. टाइटेनियम डाईऑक्साइड का प्रयोग सफेद पेंट बनाने के लिए किया जाता है।
428. सोडियम सिलिकेट का प्रयोग शीशा बनाने में किया जाता है।
429. पोटेशियम सल्फेट का प्रयोग क्रत्रिम उर्वरक बनाने मे किया जाता है।
430. पैट्रोलियम परिशोधन के पश्चात् पैराफिन प्राप्त होता है जिसे 'ब्यापारिक वैसलीन' भी कहा जाता है।
431. हाइड्रोकार्बन का प्राकृतिक स्त्रोत कच्चा तेल है।
432. तड़ितचालक लोहे से निर्मित होते हैं।
433. रम नामक शराब शीरा से बनायी जाती है।
434. कैप्सूल का आवरण स्टार्च का बना होता है।
435. भारत में विकसित स्टेनलैस स्टील में मैंगनीज और क्रोमियम होता है।
436. क्वार्ट्ज कैल्सियम सिलिकेट का बना होता है इसमें सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी पाये जाते है।
437. प्रथम विश्व युद्व में मस्टर्ड गैस का प्रयोग एक रासायनिक आयुध के रूप में किया गया था ।
438. हाइड्रोजन सबसे अच्छा ईधन है क्याकि इसका उष्मीय मान सर्वाधिक होता है एवं इसका अवशेष भी सबसे कम होता है परिणामस्वरूप ये सबसे कम पर्यावरणीय प्रदूषण करता है।
439. क्लोरोपिक्रिन को अश्रु गैस कहते हैं।
440. अम्लीय बर्षा के लिए सल्फर डाईऑक्साइड गैस उत्तरदायी होती है।
441. वायु को सबसे अधिक प्रदूषित कार्बनमोनोक्साइड करता है कार्बनमोनोक्साइड हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर उसे ऑक्सीजन अवशोषण के अयोग्य बनाती है। इसलिये इसका वातावरण में इसका पाया जाना खतरनाक होता है।
442. सभी गैसें निम्न दाब और उच्च ताप पर आदर्श गैस के रूप में व्यवहार करती है।
443. अधूरे प्रज्वलन के कारण मोटर कार एवं सिगरेट से निकलने वाली रंगहीन गैस कार्बनमोनोआक्साइड होती है।
444. सेप्टिक टैंक से निकलने वाली गैसों के मिश्रण में मुख्यतः अमोनिया गैस होती है।
445. तापमान बढाने से द्रवों की श्यानता (विस्कासिटी) घटती है एवं तापमान बढाने से गैसों की श्यानता बढती है।
446. ग्लोबल वार्मिंग के लिए कार्बनडाइऑक्साइड गैस अधिक जिम्मेदार है।
447. शीतल पेयों , जैसे कोला में , पर्याप्त मात्रा कैफीन की होती है।
448. ध्वनि के पुनरूत्पाद (रिप्ले) के लिए सीडी आडियो प्लेयर में लेजर बीम को प्रयोग किया जाता है।
449. साधारण बिजली के बल्ब का अपेक्षाकृत अल्पजीवन होता है क्योंकि फिलामेंट का तार एकसमान नही होता तथा बल्ब पूर्ण रूप से निर्वातित नही किया जा सकता ।
450. एट्रोपीन औषधि का उपयोग हृदय की तकलीफ कम करने में किया जाता है। ईथर का प्रयोग स्थानीयसंज्ञाहरण (लोकल एनेस्थेसिया) में प्रयोग होता है। नाइटोग्लिसीरीन तार विस्फोटन में प्रयोग की जाती है। पाइरेथ्रियन का उपयोग मच्छरों के नियन्त्रण के लिए किया जाता है ।
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