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रसायन विज्ञान सामान्य ज्ञान-1
रसायन विज्ञान सामान्य ज्ञान-1
1. द्रव्य की प्रकृति :
रसायन विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है; जिसके अंतर्गत पदार्थों के गुण, संघटन, संरचना तथा उसमे होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है |
2. लैवासिए को रसायन विज्ञान का जनक कहा जाता है |
3. द्रव्य सूक्ष्म (छोटे-छोटे) कणों से मिलकर बना है, जिन्हे अणु कहते हैं, अणु परमाणुओं से मिलकर बनते हैं तथा स्वतंत्र अवस्था मे रह सकते हैं|
4. अणु सदैव गतिशील अवस्था में रहते हैं अर्थात् इनमें गतिज ऊर्जा होती है |ताप बढाने से इनकी औसत गतिज ऊर्जा बढ जाती है |
5. कणों की गति को ब्राउनी गति कहते हैं |
6. संघनन: किसी पदार्थ के वाष्प से द्रव अवस्था में परिवर्तन होने की क्रिया को संघनन कहते हैं |
7. ऊर्ध्वपातन:
कुछ पदार्थ जैसे आयोडीन, कपूर, अमोनिया, क्लोराइड या नौसादर आदि साधारण ताप पर ही ठोस अवस्था से सीधे वाष्प अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं, इस क्रिया को ऊर्ध्वपातन कहते हैं |
8. तत्व वे मूल पदार्थ हैं जिनमे एक ही प्रकार के परमाणु होते हैं | वर्तमान मे 117 तत्व ज्ञात हैं |
9. हीरा तथा ग्रेफाइट भी तत्व हैं, ये दोनों कार्बन के अपरूप हैं |
10. तत्व द्रव्य की ठोस,द्रव तथा गैस तीनों अवस्थाओं में पाये जाते हैं | उदाहरण: सोडियम तथा कार्बन तत्व ठोस हैं, पारा और ब्रोमीन द्रव हैं, हाइड्रोजन और आक्सीजन गैस हैं |
11. पारा ही केवल ऐसा धात्वीय तत्व है जो साधारण ताप पर द्रव अवस्था में पाया जाता है |
12. हाइड्रोजन सबसे हल्का तत्व है जिसका प्रमाणु क्रमांक 1 है |
13. जल तीनों भौतिक अवस्थाओं में रह सकता है |
14. जल (H2O) एक यौगिक है| यह हाइड्रोजन तथा आक्सीजन के द्रव्यमान के अनुसार 1:8 के निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोग से बना है अथवा जल मे परमाणु- क्रमांक 1 तथा 8 के परमाणु संख्या के अनुसार निश्चित अनुपात 2:1 मे पाये जाते हैं |
15. कार्बन डाई आक्साइड का अणु- सूत्र CO2 है, यह एक यौगिक है |
16. साधारण नमक (सोडियम क्लोराइड) भी एक यौगिक है | यह सोडियम और क्लोरीन के एक-एक परमाणु के परस्पर संयोग से बना है | इसका अणु-सूत्र NaCl है |
17. वायु आक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाई आक्साइड, आर्गन,तथा जल वाष्प इत्यादि का मिश्रण है |
18. बारूद पोटैशियम नाइट्रेट (शोरा), गंधक तथा चारकोल का मिश्रण है |
19. पीतल तांबे (कापर) और जस्ते (जिंक) का मिश्रण है |
20. पारा द्रव धातु एवं तत्व तीनों है |
21. ढला हुआ लोहा, बर्फ, एण्टीमनी, पीतल आदि गलने पर आयतन में सिकुडते हैं |
22. सांचे में केवल वे पदार्थ ढाले जा सकते हैं जो ठोस बनने पर आयतन मे बढते हैं, क्योंकि तभी वे सांचे के आकार को पूर्णतया प्राप्त कर सकते हैं |
23. चांदी एवं सोने की मुद्राएं ढाली नहीं जाती,केवल मुहर लगाकर बनाती हैं |
24. मिश्र धातुओं का द्रवणांक उन्हे बनाने वाले पदर्थों के गलनांक से कम होता है, क्योंकि अशुद्धियाँ डाल देने से पदार्थ का गलनांक घट जाता है
25. क्वथनांक जितना कम होगा, वाष्पन की क्रिया उतनी ही अधिक तेजी के साथ होगी |
26. द्रव के पृष्ठ पर वायु का दाब जितना ही कम होगा वाष्पन उतनी ही तेजी के साथ होगा |
27. वह नियत ताप जिस पर कोई द्रव उबलकर द्रव अवस्था से वाष्प की अवस्था में परिवर्तित हो जाए तो वह नियत ताप द्रव का क्वथनांक कहलाता है |
28. दाब बढाने पर द्रव का क्वथनांक बढ जाता है,तथा दाब घटाने से द्रव का क्वथनांक घट जाता है | परमाणु संरचना:
29. परमाणु:
यह तत्व का वह छोटा से छोटा कण है, जो किसी भी रासायनिक अभिक्रिया मे भाग ले सकता है परंतु स्वतंत्र अवस्था में नहीं रह सकता है |
30. अणु:
तत्व तथा यौगिक का वह छोटा से छोटा कण जो स्वतंत्र अवस्था मे रह सकता है, अणु कहालाता है |
यह प्रदर्शित करता है कि तत्व का एक परमाणु कार्बन-12 के परमाणु के 1/12 भाग द्रव्यमान अथवा हाइड्रोजन के 1.008 भाग द्रव्यमान से कितना गुना भारी है |
32. परमाणु क्रमांक:
किसी तत्व के परमाणु के नाभिक मे उपस्थित प्रोटानों की संख्या को परमाणु क्रमांक कहते हैं |
33. द्रव्यमान संख्या:
किसी परमाणु के नाभिक मे उपस्थित प्रोटानों एवं न्यूट्रानों की संख्याओं का योग उस परमाणु की द्रव्यमान संख्या कहती हैं |
34. आधुनिक परमाणु सिद्धांत के अनुसार परमाणु विभाज्य है, यह तीन प्रकार के मूल कणों इलेक्ट्रान, प्रोटाँन तथा न्यूटान से मिलकर बनता है| परमाणु को इन कणों मे विभाजित किया जा सकता है |
35. हीलियम एक निष्क्रिय तत्व है |
36. इलेक्ट्रान:
यह परमाणु का सबसे हल्का अवयवी कण है, जिसका द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान का लगभग 1/1840 होता है | यह ऋण आवेश वाला होता है | इसका आवेश -1.6x10-19 कूलाम होता है, जो प्रकृति मे उपलब्ध सबसे कम आवेश है |
37. प्रोटान:
यह धन आवेशित कण होता है, जिसका आवेश +1.6x10-19 कूलाम होता है | प्रोटान का द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है |
38. न्यूट्रान:
इसका द्रव्यमान प्रोटान के द्रव्यमान के लगभग बराबर (कुछ ही अधिक) होता है | यह उदासीन कण है, अर्थात इसका विद्युत आवेश शून्य होता है |
39. परमाणु का धन आवेशित भाग उसके केंद्र मे अत्यंत सूक्ष्म स्थान मे होता है, तथा परमाणु का द्रव्यमान भी इसी केंद्रीय भाग मे निहित होता है, जिसे नाभिक कहते हैं |
40. नाभिक की संरचना:
नाभिक की रचना प्रोटान तथा न्यूट्रान से होती है | नाभिक का द्रव्यमान प्रोटान तथा न्यूट्रान पर निर्भर करता है, जबकि नाभिक का धनावेश केवल प्रोट्रानों के कारण होता है | नाभिक मे उपस्थित सभी मूल कणों को न्यूक्लिआन कहते हैं |
41. किसी तत्व के परमाणु के नाभिक मे उपस्थित प्रोटानों की संख्या को उस तत्व का परमाणु क्रमांक कहते हैं | किसी तत्व के गुण धर्म उसके परमाणु क्रमांक पर ही निर्भर करता है |
42. परमाणु क्रमांक (Z)=नाभिक पर धन आवेशित इकाइयों की संख्या =नाभिक मे उपस्थित प्रोटानों की संख्या =कक्षा मे उपस्थित इलेक्ट्रानों की संख्या
43. किसी तत्व के नाभिक मे उपस्थित प्रोटानों एवं न्यूट्रानों की कुल संख्या को द्रव्यमान संख्या कहते हैं |
44. द्रव्यमान संख्या तत्व का मौलिक गुण नही होता है | एक ही तत्व के भिन्न भिन्न परमाणुओं की द्रव्यमान संख्याएं भिन्न भिन्न हो सकती है जिन्हे समस्थानिक कहते हैं, तथा भिन्न भिन्न तत्वों के परमाणुओं की द्रव्यमान संख्याएं समान हो सकती हैं जिन्हे समभारी कहते हैं |
45. परमाणु सामान्य अवस्था मे विद्युत- उदासीन होता है अत: परमाणु मे धनावेश एवं ऋणावेश की मात्राएं समान होती हैं, अर्थात् परमाणु क्रमांक (Z) = प्रोटानों की संख्या = इलेक्ट्रानों की संख्या
46. बोर का परमाणु माडल :
बोर के परमाणु रचना के अनुसार इलेक्ट्रान नाभिक के चारों ओर कुछ निश्चित कक्षाओं में ही परिक्रमा कर सकते हैं; जिन्हे स्थाई कक्षा कहते हैं | नाभिक से प्रारम्भ करके इन कक्षाओं को (ऊर्जा स्तरों) को 1,2,3,4.....आदि अंको अथवा K,L,M,N….. आदि अक्षरों से प्रदर्शित करते हैं | 1,2,3,4.... आदि अंको को कक्षा की मुख्य क्वांटम संख्या कहते है और इसे n से निरूपित करते हैं | पहली कक्षा मे परिक्रमा करने वाले इलेक्ट्रानों की ऊर्जा सबसे कम होती है |
47. परमाणु वितरण की बोर-बरी योजना :
1.किसी कोश मे इलेक्ट्रानों की अधिकतम संख्या 2n2 हो सकती है |
2.परमाणु के बह्यतम कोश मे अधिक से अधिक 8 इलेक्ट्रान रह सकते हैं |
3.बाह्यतम कोश मे 8 इलेक्ट्रान हो जाने के बाद अगला इलेक्ट्रान नये कोश मे प्रवेश करता है | 4.बाह्यतम कोश मे 2 से अधिक तथा उसके पहले वाले कोश मे 9 से अधिक इलेक्ट्रान तब तक नहीं हो सकते जब तक कि इससे भी पहले वाले कोश मे नियम 1तथा नियम 2 के अनुसार अधिकतम इलेक्ट्रान पूरे न हो जायें |
48. रेडियोएक्टिवता:
रेडियो ऐक्टिवता की खोज हेनरी बेकरेल ने की |
49. प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले रेडियोऐक्टिव तत्व वे हैं जिनका परमाणु क्रमांक 83 से अधिक (वर्तमान मे 84 से 92) हैं | इनमे पोलोनियम (84), रेडान (86), रेडियम (88), थोरियम (90) तथा यूरेनियम (92) प्रमुख हैं |
50. अल्फा किरणें धनावेशित, बीटा किरणें ऋण आवेशित, एवं गामा किरणें उदासीन होती हैं |
51. आइरीन क्यूरी तथा उनके पति जोलियो क्यूरी ने कृत्रिम रेडियो ऐक्टिवता की खोज की |
52. गामा किरणों की बेधन क्षमता बहुत अधिक होती है, यह बीटा कणों की अपेक्षा 100 गुना तथा अल्फा कणों की अपेक्षा 10000 गुनी होती है |
53. गामा किरणों की वेधन क्षमता x किरणों की बेधन क्षमता से भी अधिक होती है | गामा किरणें लोहे की 30 सेमी मोटाई तक को पार कर सकती हैं |
54. गैसों के आयनन की क्षमता अल्फा कणों मे सबसे अधिक तथा गामा कणों मे सबसे कम होती है |
55. अल्फा किरणों की चाल सबसे कम तथा गामा किरणों की चाल सबसे अधिक लगभग प्रकाश के चाल के बराबर होती है |
56. गामा किरणें उच्च ऊर्जायुक्त विद्युत चुम्बकीय तरंगें होती हैं |
57. रेडियोऐक्टिव विघटन मे नाभिक एक बार मे अल्फा या बीटा कण तथा गामा फोटान का उत्सर्जन करता है |
58. रेडियोऐक्टिवता से नाभिक का परमाणु क्रमांक एवं द्रव्यमान बदल जाता है | रसायन की भाषा एवं रासायनिक बंध:
59. किसी तत्व का प्रतीक उस तत्व के परमाणु को प्रदर्शित करता है |
60. कुछ प्रमुख यौगिक सूत्र: जल H2O
61. कार्बन-डाई-आक्साइड CO2
62. सल्फर-डाई-आक्साइ SO2
63. सोडियम क्लोराइड (साधारण नमक) NaCl
64. कार्बोनिक अम्ल H2CO3
65. सल्फ्यूरिक अम्ल (गंधक अम्ल) H2SO4
66. कास्टिक सोडा NaOH
67. पोटैशियम नाइट्रेट (शोरा) KNO3
68. पोटैशियम परमैंगनेट (लाल दवा) KMnO4
69. कैल्शियम हाइड्राक्साइड (बुझा चूना) Ca(OH)2
70. कैल्शियम कार्बोनेट (खडिया) CaCO3
71. अमोनिया NH3
72. अमोनिया क्लोराइड (नौसादर) NH4Cl
73. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (नमक का अम्ल) HCl
74. नाइट्रिक अम्ल (शोरे का अम्ल) HNO3
75. सोडियम कार्बोनेट (धावन सोडा) Na2CO3
76. सोडियम बाई कार्बोनेट (खाने का सोडा) NaHCO3
77. सिल्वर नाइट्रेट AgNO3
78. कापर सल्फेट (तुतिया) CuSO4
79. फिटकरी या पोटैशियम ऐलुमिनियम सल्फेट K2SO4.Al(SO4)3.H2O
80. एसिटिक एसिड CH3COOH
81. मेथेन CH4
82. एथिलीन अथवा एथीन C2H4
83. जल के एक अणु मे हाइड्रोजन के दो परमाणु और आक्सीजन का एक परमाणु उपस्थित होता है |
84. जल मे द्रव्यमान के अनुसार 2 भाग हाइड्रोजन, 16 भाग आक्सीजन के साथ संयुक्त होता है |
85. किसी तत्व का एक परमाणु हाइड्रोजन के जितने परमाणुओं से संयोग करता है, वह उस तत्व की संयोजकता कहलाती है |
86. नाइट्रोजन गैस तथा हाइड्रोजन गैस संयोग करके अमोनिया गैस बनाती हैं |
87. किण्वन:
विशेष प्रकार के सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति मे कई कार्बनिक यौगिक नये यौगिकों मे परिवर्तित हो जाते हैं; इस क्रिया को किण्वन कहते
हैं | उदाहरण:
i. दूध का खट्टा होना
ii. सिरका का बनना
iii. दूध से दही का बनना
iv. दही से दुर्गंध का आना
v. मृत अवशेषों का सडना
88. भौतिक परिवर्तन :
वह परिवर्तन जिसमे पदार्थ के भौतिक गुण जैसे- रंग, रूप, अवस्था और घनत्व आदि बदल जाते हैं, किंतु पदार्थ के द्रव्यमान, संघटन एवं आणविक संरचना मे कोई परिवर्तन नहीं होता उसे भौतिक परिवर्तन कहते हैं | इसमे अणुओं की व्यवस्था बदल जाती है |
89. रासायनिक परिवर्तन:
वह परिवर्तन जिसमें पदार्थ के रासायनिक संघटन एवं आणविक संरचना में परिवर्तन हो जाने के कारण उसके भौतिक और रासायनिक गुणों मे परिवर्तन हो जाता है, रासायनिक परिवर्तन कहलाता है |
90. जिन तत्वों के परमाणुओं के अंतिम कोश मे इलेक्ट्रानों की संख्या 8 होती है उनके इलेक्ट्रानिक विन्यास को स्थाई इलेक्ट्रानिक विन्यास कहते हैं |
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